1996 से 2023 तक काशीरत्न© से अलंकृत
पत्रकारिता सेवा
स्व० आर. के. जेन, स्व० मुनु प्रसाद पाण्डेय, रव० सलामुल्लाह सिद्दकी, स्व० जवाहर लाल सेठ, श्री राजेन्द्र शुक्ल, श्री सत्येन्द्र श्रीवास्तव, स्व० शिवशंकर पाण्डेय, स्व० साधना विकास, श्री ओम प्रकाश सिन्हा, श्री अवधेश सिंह, बी कैलाश नाथ, श्री राघवेन्द्र चना, श्री कौसर अली कुरैशी, कु० सरोज सिन्हा, स्व० अंजुम कुरैशी, स्वा० जे. एन. सिंह, स्व० शाहीन मोहसिन, श्री रंजीत रघुवंश, स्व० नरेन्द्र द्विवेदी, श्री ताजुद्दीन अशअर, श्री बी० पी० पाठक, श्री शैलेन्द्र श्रीवास्तव, श्री राम दयाल, डा० स्वें) कमल गुप्त, श्री राजेन्द्र कुमार अग्रवाल, श्री आलोक पराइकर, स्व० डा० आनन्द बहादु सिंह, स्व० डा० भगवान दास अरोड़ा, श्री काजिम रिजवी, त्त्व० रामलखन सेठ शास्त्री, श्री अनिल कुमार श्रीवास्तव, श्री दिनेश चन्द्र मिश्र, श्री विजय कुमार सिंह (विजय विनीत), श्री विनय कुमार, डा० राम मोहन पाठक, श्री जितेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, श्री रमेश कुमार सिंह, श्री शशिधर इस्सर, श्रीमती उषा श्रीवास्तव, डा० दिग्विजय सिंह, श्री कुमार विजय, डा० पी. उपेन्द्र, श्री राधेश्याम कमल, श्री कमल नयन मधुकर, श्री राजेश मिश्रा, श्री राकेश यादव ‘रौशन’, श्री काशीनाथ शुक्ला, श्री प्रदीप श्रीवास्तव, श्री जगत शर्मा, डा० तुलसी दास मिश्र, श्री जिया लाल, श्री अमर नाथ श्रीवास्तव, डा० ओम प्रकाश केजरीवाल, आशीष बागची, हा० अनुपम गुप्ता, अजय कुमार वर्मा, वृत्तान्त श्रीवास्तव, डॉ० अर्जुन तिवारी, हरि बाबू श्रीवास्तव, अन्नू, श्रीमती बृजबाला दौलतानी, शिव मूर्ति दूबे, गोपाल जी राय, अरविन्द कुमार विश्वकर्मा, चक्रवर्ती विजय नावह, दीनबन्धु रोय, आलोक कुमार त्रिपाठी
छायाकार
श्री विजय सिंह, श्रीराम शंकर सिंह, स्व० कैलाश मारवाह, स्व० मंसूर आलम, श्री वी. पी. यादव, श्री राकेश सिंह, स्व० अनिल कुमार पासी, श्री संतोष संतोष कुमार प्रजापति, अनिरुद्ध पाण्डेय
चिकित्सा सेवा
डा० अजीत सहगल, डा० एस. सी. गोवल, हा० ओम प्रकाश शर्मा, डा० आशुतोष पाठक, डा० विवेक कुमार शर्मा, डा० प्रो० सरोज चूड़ामणि गोपाल, डा० अनिल कुमार राय, डा० काशीदत्त पाठक, डा० अरुण कुमार श्रीवास्तव, हा० अमित कुमार रस्तोगी, डा० पी० सी० शर्मा, प्रो० लक्ष्मी कांत पाण्डेय, डा० अशोक कुमार राय, प्रो० सुलेखा पाण्डेय, डा० के. के. सिंह (कृष्ण कुमार सिंह), डा० ओम शंकर, डा० नूतन सिंह, डा० राजेश कुमार जायसवाल, डॉ० रितु गर्ग, डा० संजय गर्ग, डा० प्रेम शंकर पाण्डेय, डा० विकास अग्रवाल, डा० मोहित सक्सेना, डॉ० सुनील कुमार गौतम, डॉ० जे. के. अग्रवाल, डॉ० शिव शक्ति प्रसाद द्विवेदी, डॉ० राम निवास मीना, डॉ० अनिल तिवारी, डॉ० कमलेश कुमार द्विवेदी, डॉ० अभिनव, डा० विजय कुमार श्रीवास्तव, प्रो० नीरज कुमार अग्रवाल, डा० संध्या यादव, डा० अनुभा श्रीवास्तव, डा० राजकुमार प्रजापति, डा० अजय कुमार पाण्डेय, डा० राधेश्याम आनन्द, डा0 महेश कुमार गुप्ता (एम. के. गुप्ता), डॉ० श्याम सुन्दर नीरज, डॉ० स्नेहा गुप्ता, डॉ० विमल कुमार त्रिपाठी
साहित्य सेवा
स्व० प्रो० दयाशंकर सिंह, श्री दिनेशचन्द्र पाण्डेय (नजर कानपुरी), श्री नस्तर बनारसी, डा0 श्रीमती प्रेमा खुल्लर, हा० मुक्ता, डा० श्री प्रसाद, स्व० राम जियावन दास बावला, श्री महेन्द्र कुमार सिंह नीलम, डा0 अच्युतानन्द चिंडिवाल, डा० रमेश प्रसाद गर्ग, श्री कौशिक रविन्द्र उपाध्याय, डा० छविनाथ पाण्डेय, प्रो० नसीमा फारुकी डा० श्रीमती जयशीला पाण्डेय, मिथिलेश कुमार कुशवाहा, डा० आरती स्मित, श्री भारत भूषण यादव, मु० सलीम शिवालवी, राजेन्द्र प्रसाद वेरी, श्रीमती सावित्री गौड़ मंजरी, डा0 लियाकत अली। राम नरेश (नरेश, डॉ० वृजेन्द्र नारायण द्विवेदी (शैलेश), डा० सुवाष चन्द्र
आकाशवाणी, दूरदर्शन, इलेक्ट्रिानिक चैनल
श्री शिवमूरत सिंह, श्री रामकृष्ण राव बावल, श्री हरी लाल, स्व० नरेश रुपानी, डा० श्री रामजी मिश्र, श्री वृजभूषण शर्मा, श्री शिवमंगल सिंह मानव, श्रीमती वीणा कालिया, श्री प्रेमनारायण, सैयद्र सलमान हैदर, हा० रविशंकर, श्री धर्मेन्द्र सिंह दीनू, डा० संतोष कुमार मिश्रा, श्री शशांक मिश्रा, श्री संजय कुमार गुप्ता, श्री कीर्ति विश्वकर्मा, श्री शैलेश चौरसिया, श्री प्रवीण तिवारी, राजेश कुमार गौतम, अरुण कुमार पाण्डेय “अभिनव अरुण”, अनुज मिश्रा,
विधिसेवा
श्री न्यायमूर्ति गणेशदत्त दूबे, श्री नित्यानन्द चौबे (एडवोकेट), श्री विशाल जायसवाल (एडवोकेट), श्री अजय कुमार सिंह (एडवोकेट), स्व० राजाराम गुप्ता. श्री मिलन जायसवाल, श्री सत्यनारायण द्विवेदी (एडवोकेट), जय प्रकाश राय (एडवोकेट), श्री हृदय नारायण द्विवेदी (एडवोकेट), श्री राधे मोहन त्रिपाठी, सुश्री चन्द्रा शाह (एडवोकेट), सौरभ कुमार श्रीवास्तव (एडवोकेट), न्यायमूर्ति काशी नाथ पाण्डेय, अरुण कुमार त्रिपाठी (एडवोकेट), हरिशंकर सिंह (एडवोकेट), अजय कुमार श्रीवास्तव (एडवोकेट), इन्द्रदेव मिश्रा (एडवोकेट), जियाउद्दीन फारुकी,
स्व० गंगेश्वर प्रसाद अग्रवाल (एड.), डॉ० सुकृत सिंह यादव
शिक्षा क्षेत्र
सर्वश्री प्रो० अरविन्द जोशी, स्व० डा० राजेश कुमार गुप्त, स्व० (श्रीमती) जनक दुलारी सिंह, डा० हरिओम सिंह, स्व० महातिम सिंह, स्व० डा० कमला प्रसाद पाठक, डा० हर्ष नाथ सिंह, मेजर पी. आर. पाण्डेय, स्व० प्रो० सोम नाथ त्रिपाठी, कमालुद्दीन फारूकी, डा० ओम प्रकाश द्विवेदी, डा० मनोरमा सिंह, डा० कैलाश कुमार मिश्र, श्रीमती हाली भाटिया, डा० राजनाथ, श्रीमती दिव्या चतुर्वेदी, हा० दीनानाथ सिंह, प्रो० मीरा दूबे, प्रो० व्यास मिश्र, प्रो० सुभाष चन्द्र तिवारी, अधिर कुमार झा. डा० प्रतिमा गॉड, प्रो० यदुनाथ प्रसाद दुबे। पद्मभूषण प्रो० देवी प्रसाद द्विवेदी, प्रो० दुर्गानन्दन प्रसाद तिवारी। प्रो० प्रेमा नारायण सिंह, श्रीमती सरिता अग्रवाल, श्रीमती विनीता गौड़, राम बाबू, प्रो. हीरक कान्ति चक्रवती, संजय श्रीवास्तव, श्री प्रकाश दूबे, प्रो० कमला कान्त त्रिपाठी, प्रो० कौशल किशोर मिश्र, डॉ० आनन्द पाल राय, शेखर खना, प्रो० राम पूजन पाण्डेय, प्रो० शोम शंकर दुबे, डॉ० जगमोहन शर्मा
समाजसेवा, संगीत, प्रशासनिक, नाट्य खेल एवं अन्य
श्री रमेश कुमार चौधरी, शेख एस० एम० खुर्शीद, श्रीमती पल्लवी पाठक, श्री कुमारी दिव्या, डा० आशीष निधि वर्मा, श्री विश्वजीत सरखेल, श्री संदीप सिंह, डॉ० पुष्पा सेठ, श्री नरेन्द्र सिंह, श्रीमती सपना अंवष्ट, श्री सुयश कुमार पाठक, श्री मौलाना अजीज हसन सिद्दीकी, श्री कृष्ण कुमार अंवष्ट, श्री सुरेन्द्र मिश्रा, श्री मृगांग शेखर पाठक, श्री अपूर्व उपाध्याय, श्री सुरेश गर्ग, श्री संदीप यादव, श्री आशीर्वाद सिं ह श्री प्रभात शाही, कु० अदीव, श्री अभिषेक आयसवाल, डा० श्रीमती उषा शाही, श्री पं० कालीशंकर त्रिपाठी, डा० श्रीमती मैथिलीशरण श्रीवास्तव, श्री जिया अंसारी, श्री दीपक अग्रवाल, स्व० उमाशंकर सिंह, श्री दानिश रजा, श्री विमल जैन, श्री पं० शिवनाथ मिश्र, श्री मुकुन्द लाल सर्राफ, श्री बाल कृष्ण चौधरी, श्री विद्या शंकर त्रिपाठी, श्री श्याम लाल जोशी, श्री देवेन्द्र गोयल, मो० शफीक अंसारी, डा0 मीना कुमारी, श्री नरसिंह दास अग्रवाल, श्रीमती वर्षा शुक्ला, श्री श्रीराम यादव, श्री ज्ञानेश्वर सिंह, श्री अनिल जैन, स्व० चन्द्र मोहन श्रीवास्तव, डा० श्री अनूप कुमार जायसवाल, श्री प्रमोद कुमार पाठक, श्री जमाल हुसैन खान, श्री पं० देवव्रत मिश्रा, डा० इरावती, श्री मनोज कुमार पाण्डेय, कुमारी स्वधादेव सिंह, श्री सुधीर कुमार रस्तोगी, श्री कृष्ण नारायण सोनी, श्री मोती लाल गुप्ता, श्री सरदार कुलदीप सिंह, श्री दीनानाथ झुनझुनवाला, श्री शकील खान, श्री मुख्तार कुरैशी, ई. अखिलेश तिवारी, श्री हाजी नासिर जमीन, श्रीमती शांती देवी कपूर, श्रीमती पल्लवी पाण्डेय, ई. सुरेन्द्र नाथ गौड़, श्री राम दुलारे सर्राफ, बलराम दास, अजीत सिंह, आनन्द कुमार सिंह ‘अन्ना’, मोहम्मद इसहाक उत्तमानी, आचार्य जनार्दन पाण्डेय, राकेश कुमार सिंह, डा० बख्तियार मसूद उसमानी, युगल किशोर सिंह, अखिलेश्वर राम मिश्रा, प्रो० कृष्णा चक्रवर्ती, राम गोपाल सर्राफ, सर्राफ, डॉ जगदीश पिल्लई. डा0 नीतू पाड़िया, बहाउद्दीन फारुकी, विनय कुमार शाजेहा, काजी मो० इब्राहिम, डा० गीता कुमारी, राहुल कुमार सिंह, महेन्द्र राज लुनावत, विष्णु प्रकाश गुप्ता, सैयद रेहान मुस्तफा। डॉ. मार्कण्डेय, राम पाठक, अशोक जी अग्रवाल, बंशीधर दूबे, श्रीमती ऐश्वर्या श्रीवास्तव, श्रीमती शान्तिवाला देवी, अनुपम सिंह, पवन रघुवंशी, डा० विजय कपूर, राजीव गौतम, डा० अमिता श्रीवास्तव, दीपक मिश्रा, अशोक कुमार, श्याम जी वर्मन, डा० सत्या सिंह, डा0 राजकुमार सिंह, विवेक
कुमार सिंह, डा० सन्ध्या गुप्ता, सुश्री कोमल सिंह, पं० प्रकाश मिश्रा
काशीरत्न – 2024
प्रो० बिहारी लाल शर्मा
श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ नई दिल्ली 1999 में ज्योतिष (संस्कृत) में पी०एच०डी० की उपाधि प्राप्त की। इस विद्यापीठ से अध्यापन कार्य प्रारम्भ किया। ज्योतिष विभाग के निदेशक बनें। संस्कृत के उत्थान में सतत् प्रयासरत रहते हुए अनके पदों को सुभोभित किया। वर्तमान में संस्कृत के सभी विधाओं को तीव्रगति से बढाते हुए सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति पद से सेवा दे रहे।हिमांचल प्रदेश के जिला विलासपुर में जन्में प्रो० बिहारी लाल शर्मा जी अपने माता-पिता के आशीर्वाद व छत्रछाया में संस्कृत का गहन अध्ययन किया। आपका ज्योतिष में विशिष्ट स्थान है। आपका संस्कृत, हिन्दी, अंग्रेजी पर विशिष्ट स्थान रखते हैं। आपको भारती मिश्रा गोल्ड मेडल से नवाजा गया है। विश्वविद्यालय के श्रेष्ट खिलाड़ी क्रिकेट, बालीबाल व बैटमिन्टन के हैं।हिमांचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री प्रेम कुमार धूमल ने विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया है।
काशीरत्न – 2024
ज्ञान सिंह रौतेला
पिता श्री धर्म सिंह रौतेला के कुशाग्र पुत्र ज्ञान सिंह रौतेला महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से बी. जे. की उपाधि प्राप्त की। आपकी प्रारम्भिक शिक्षा सेण्ट मेरिज स्कूल से हुआ। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ छात्रसंघ के शिक्षामंत्री भी रह चुके हैं। वाराणसी से प्रकाशित स्वतंत्र भारत से 1992 में पत्रकारिता सेवा प्रारम्भ की। इस समय राष्ट्रीय सहारा से जुड़कर पत्रकारिता की सेवा कर रहे हैं। ज्ञान सिंह रौतेला का कथन है कि नयी पीढ़ी को नया दिशा देने की जरुरत है। हम सभी की जिम्मेदारी है
काशीरत्न – 2024
श्रीमती बिन्दु सिंह
पति राजेश प्रताप सिंह की प्रेरणा से श्रीमती बिन्दु लॉक डाउन में पशुओं को चारा व भोजन प्रतिदिन कराया। सभी स्वस्थ रहें इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए निःशुल्क सभी वर्ग को योग प्रशिक्षण देती हैं। योग विद्या को आगे बढ़ाने के लिए योग शिक्षा प्राप्त को प्रेरित करती हैं।श्रीमती बिन्दु सिंह समाज में आर्थिक रुप से कमजोर कोरे मुक्त शिक्षा का प्रबन्ध करती हैं। गरीब व असहाय कन्या के विवाह में आर्थिक मद्द करती हैं।
काशीरत्न – 2024
श्रीमती विजेता सचदेवा
श्रीमती विजेता सचदेवा एम०ए० शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात् समाज सेवा के क्षेत्र में कुछ नया करने का विचार आया। लॉकडाउन में सभी समाज सेवी ने यथा शक्ति समाज की सेवा की। श्रीमती विजेता सचदेवा ने उन समाजसेवियों का सम्मान किया। उत्साह वर्धन किया। अपने जागरुकता के दृष्टिकोण से प्लास्टिक थैला के स्थान पर कागज अथवा कपड़े के थैले का प्रयोग करने का अभियान चलाया। जिसमें सफलता भी प्राप्त की! यह अभियान निरन्तर जारी है। श्रीमती विजेता सचदेवा मिसेज बनारस रनअप 2019, मिसेज इण्डिया 2021, मिसेज एशिया 2022 अवार्ड भी प्राप्त कर चुकी हैं।
काशीरत्न – 2024
प्रो० जितेन्द्र कुमार
वनस्पति, पर्यावरण विद् प्रो० जितेन्द्र कुमार का जन्म देवरियां में हुआ। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से प्रथम श्रेणी में उपाधि प्राप्त कर महान पर्यावरण वैज्ञानिक प्रो० आर० एस० अम्बष्ट के निदेशन में पी०एच०डी० की उपाधि प्राप्त की। 78 राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में शोध प्रकाशित हुआ है। अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रो० जितेन्द्र कुमार को युवा वैज्ञानिक पदक मिला। वनस्पति व पर्यावरण पर विगत 34 वर्ष से सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय में अध्यापन कार्य कर रहे हैं
काशीरत्न – 2024
गोपाल नारायण मिश्र (एड.)
वर्तमान के चन्दौली जिला में पिता स्व० झब्बन मिश्र जी फौजी रहे, अनुशासन प्रिय के पुत्र गोपाल नारायण मिश्र विगत 40 वर्ष से अधिक के क्षेत्र में सेवा दे रहे हैं। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से 1986 में एल.एल.एम. की उपाधि प्राप्त कर विधि के क्षेत्र में दीवानी व फौजदारी के अधिवक्ता के रुप में सेवा दे रहे हैं। अपने पारिवारिक मिथक तोड़ने के लिए उच्च शिक्षा भी ग्रहण किया। समाज में शिक्षा के विकास सतत प्रयासरत है। आपका शौक अखाड़ा है। जरुरत मंद को सहयोग देना है। आपका विचार है की पेशागत ईमानदारी बढ़ाने के लिए उचित कदम उठाना आवश्यक है। चाहिए।
सम्पादक के कलम से……
समय अपनी गति से चल रहा है। इसी गति से कदम ताल करते हुए इण्डियन एसोसिएशन ऑफ जर्नलिस्ट (आई.ए.जे.) ने अपनी स्थापना के 28 वर्ष पूर्ण कर लिये। इन बीते 29 वर्षों में संस्था अपने उद्देश्यों को पाने में पूर्णतया सफल रहा है। संस्था (आई.ए.जे.) अपने स्थापना वर्ष यानि 1996 से ही “काशीरत्न” राष्ट्रीय अलंकरण प्रदान करता चला आ रहा है। वर्ष 2012 में संस्था ने एक नये राष्ट्रीय अलंकरण “शान-ए-काशी” की शुरुआत की। जो धीरे-धीरे यह सम्मान भी अपने बारह वर्ष पूर्ण कर रहा है। यह संस्था (आई.ए.जे.) अपने स्थापना वर्ष से ही हिन्दी पत्रकारिता दिवस (29 मई) के उपलक्ष्य में “काशीरत्न” एवं 2012 से शुरु किये गये सम्मान “शान-ए-काशी” प्रतिष्ठित एवं नवोदित पत्रकारों, लेखकों, सम्पादकों, साहित्यकारो, संगीतकारों, छायाकारों, समाजसेवी, विधिवक्ताओं, शिक्षावादों एवं प्रशासनिक क्षेत्र से जुड़े व्यक्तियों को प्रदान करता चला आ रहा है। अब तक 502 को अलंकरण कर चुका है।
उपरोक्त के अलावा संस्था (इण्डियन एसोसिएशन ऑफ
जर्नलिस्ट) देश के विभिन्न हिस्सों में आवश्यकतानुसार गरीब निःसहाय एवं निराश्रित बच्चों के अध्ययन/अध्यापन हेतु स्तरीय स्कूल, कालेज़ स्थापित करने के लिए कृत संकल्पित है और उसे भी मूर्त रुप दे रहा है। संस्था (आई.ए.जे.) सदैव से ही पत्रकार हित की लड़ाई शासन/प्रशासन से करता चला आ रहा है। इन उपरोक्त कार्यों में संस्था को काफी हद तक सफलता भी मिली है। मैं संस्था (इण्डियन एसोसिएशन ऑफ जर्नलिस्ट) को और चयनित सभी “शान-ए-काशी” एवं “काशीरत्नो” को हार्दिक शुभकामना देता हूँ।
डा० नितेश कुमार गुप्ता संपादक
काशीरत्न – 2024
डॉ० शुभ्रा वर्मा
नाट्य कला में पी०एच०डी० धारी, हिन्दी अंग्रेजी, बंगाली, पंजाबी, भोजपुरी व अवधी भाषा की जानकारी से पूर्ण डॉ० शुभ्रा वर्मा 2013 से महात्मा गांधी विद्यापीठ में नाट्यकला की प्रवक्ता हैं। नाट्य कला के विकास में आपका प्रयास महत्वपूर्ण रहा। प्रयास का फल राह कि महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में नाट्यकला में स्नातक व परास्नातक का कोर्स शुरु हुआ जिसमें छात्र छात्राएँ अध्ययन कर रहे हैं। दूरदर्शन व आकाशवाणी बी-हाई ग्रेड ड्रामा आर्टिस्ट है। लगभग 150 मंच नाटकों में 4 विदेशी भाषा की फिल्मों में तथा डी0डी0-1 की टेली फिल्मों में अभियान की है। आकाशवाणी गोरखपुर 2000 से 2017 तक उद्घोषक व कमेंटेटर रही।
काशीरत्न – 2024
डॉ० कबीन्द्र नारायण श्रीवास्तव
एम०ए०, एल०एल०बी० के साथ डॉ० ऑफ फिलासफी (पी०एच०डी०) उपाधि से सुशोभित डॉ० कबीन्द्र नारायण श्रीवास्तव अन्तर्राष्ट्रीय न्यूज एजेन्सी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इण्डिया वाराणसी मण्डल के ब्यूरो चीफ से पत्रकारिता सेवा प्रारम्भ किया। पीटीआई पटना के प्रिन्सिपल कॉरस्पाण्डेट, उत्तराखण्ड राज्य के स्टेट चीफ, नई दिल्ली के न्यूज एडिटर के पद से पत्रकारिता की सेवा की। आपकी 7 पुस्तकें प्रकाशित है। साथ ही 7 पुस्तक का सम्पादन किया है। आपको संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा संचालित दहंगर प्रोजेक्ट संस्था ने सर्वोच्च सरोजनी नायडू पत्रकारिता पुरस्कार (2006) से स्वर्ण प्रशस्ति पत्र दो लाख रुपये नगद राशि से सम्मानित किया गया। आप पत्रकारिता साहित्य सेवा के विकास में युवाओं दिशा मार्ग दर्शन करते रहे हैं
काशीरत्न – 2024
शुभम कुमार सेठ
शिक्षा, खेल व समाज सेवा में अगली पंक्ति में खड़े शुभम कुमार सेठ समाज के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। दारानगर वाराणसी के निवासी अपने कुशल नेतृत्व क्षमता से अपने पिता श्री किशोर कुमार सेठ के नाम को रौशन कर रहे हैं। आपका बी०ए० एल०एल०बी० के पश्चात शोध में अध्ययन जारी है। हिन्दी, अंग्रेजी, पंजाबी, बंगाली, फ्रेन्च इग्लिश पर अपना प्रमुख रखते हैं। गरीब शोषित, वंचित व मजदूर के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। ताईक्वान्डों में राज्य स्तरीय गोल्ड मेडल प्राप्त शुभम कमार सेठ. वर्ग को समाज की मुख्य धारा से जोड़कर उनके समुचित विकास शुभम कुमार सेठ ने अनगिनत बार मानव जीवन रक्षार्थ रक्तदान किया है।
काशीरत्न – 2024
डॉ० सुशील कुमार
सर्व प्रतिभा सम्पन्न, देश-विदेश से अनुभव प्राप्त डॉ० सुशील कुमार का कहना है कि अपनी संतुष्टी तभी सम्भव है जब सामने वाला व्यक्ति हमारे कृत से पूर्ण रुप से संतुष्ट हो जायें। डॉ० सुशील कुमार वाराणसी के निवासी काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से पी०एच०डी० की उपाधि प्राप्त की। आपका स्वयं सेवी संगठन पर व्यापक अध्ययन है। वर्तमान में स्वयं सेवी संगठन को मार्ग दर्शन देते रहते हैं। आप (ताज होटल) गेटवे ऑफ इण्डिया में अपना अनुभव का लाभ दे रहे हैं। अपना विचार है कि शोध में पुनः प्रवेश लें और दूसरों की मदद करते रहें।
काशीरत्न – 2024
श्रीमती शिल्पी सिंह
वाराणसी में जन्मी, बंग्लौर में एयरटेल में वरिष्ठ प्रबंधक पर कार्यरत श्रीमती शिल्पी सिंह अपने तकनीक ज्ञान से चारो दिशा में युवाओं को जोड़ने का कार्य कर रही हैं। विभिन्न विश्वविद्यालय व संस्थाओं में अतिथि प्रवक्ता के रुप में आईटी को बढावा देने में सतत प्रयास कर रही हैं जो सफलता की ओर अग्रसर है।आपका ध्यान समाज में फैले कुरुतियों को दूर करने में भी है। रोटरी क्लब के माध्यम से सफलता पूर्वक सेवा दे रही हैं।
काशीरत्न – 2024
अजय प्रताप सिंह (एड)
विधि सेवा के क्षेत्र अजय प्रताप सिंह अपना महत्त्वपूर्ण सेवा समाज को दे रहे हैं। 2018 में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर कारीडोर के अधिवक्ता के तौर पर मई 2022 में माननीय न्यायालय द्वारा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर व ज्ञापवापी विवाद में न्यायालय ने विशेष कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया। कुशलता पूर्वक सर्वे का कार्य सम्पन्न कराया। अजय प्रताप सिंह कुशल सफल अधिवक्ता के साथ ही विभिन्न सामाजिक व सरकारी संस्था के विधिक सलाहकार हैं। आपके गुरु स्व० के०के० सिंह हैं। आपका मानना है कि समाज में कुरुतियों को जड़ से समाप्त करने की जरुरत है।
काशीरत्न – 2024
अभिषेक कुमार राय
अहमदाबाद, वाराणसी, जम्मू, रायपुर के अतिथि प्रवक्ता अभिषेक कुमार राय आई०टी० प्रबंधन में विशिष्टता के साथ अलख जगा रहे हैं। आपसे अध्ययन कर विद्यार्थी आई०टी० सेक्टर में कार्य कर समाज व राष्ट्र को मजबूत बना रहे हैं। अभिषेक कुमार राय मुम्बई के नेशनल ई रिपोसीटरी लिमिटेड के प्रमुख एच०आर० व मार्केटिंग प्रमुख हैं। आपका विचार है कि युवा श्रेष्ठ प्रबंधन से भविष्य को सुनिश्चित करते हुए राष्ट्र निर्माण में सशक्त योगदान करें।
काशीरत्न – 2024
श्रीमती गीता राय
तैंतीस वर्ष का अध्यापन, पाँच वर्ष का प्रशासनिक अनुभव से युक्त श्रीमती गीता राय आज भी शिक्षा का अलख जगाने में कोई भी कमी नहीं करना चाहती हैं। गृह सेवा के साथ- साथ बच्चों को ज्ञानदीप से प्रकाशित कर रही हैं। गोरखपुर केन्द्रिय विद्यालय में पाँच तक प्रमुख रहीं। सहायक अध्यापिका पद से श्री रामेश्वर महादेव इण्टर कालेज में तीन वर्ष सेवा कार्य किया। विभिन्न समाज सेवी संगठन के विभिन्न पदों पर रह कर समाज को नया गति देने का प्रयास कर रहीं हैं। आपके सेवा को देखते हुए रोटरी क्लब सीटी ने श्रेष्ट अध्यापिका के सम्मान से सम्मानित किया है।
काशीरत्न – 2024
डॉ० विनोद चतुर्वेदी
राम जी चतुर्वेदी के सुपुत्र डॉ० विनोद चतुर्वेदी बिहार के भभुआ कैमूर में जन्म लेकर बेसिक पाठशाला से अध्ययन की शुरुआत की। उच्च शिक्षा के लिए वाराणसी में आये काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से पी०एच०डी० की उपाधि प्राप्त की। पी०एच०डी० उपाधि के पश्चात् डॉ० विनोद चतुर्वेदी के विचार में आया कि इस शिक्षा का उपयोग किया जाये। पिता व माता की प्रेरणा से 1998 में गोल्डेन इण्डिया पब्लिक स्कूल की स्थापना की। विद्यालय के स्थापना काल से अब तक हजारो की संख्या में छात्र-छात्राएं अध्ययन कर समाज को नया दिशा दे रहे हैं। आपका विचार है कि विद्यालय में अध्ययन के पश्चात् छात्र-छात्राएं राष्ट्र के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाए जिससे राष्ट्र हमारा, समृद्धि हो।
काशीरत्न – 2024
दिलीप कुमार श्रीवास्तव
जिसके सर पर माता सुशीला देवी, पिता कैलाश कान्त श्रीवास्तव का आशीर्वाद हो तो वह व्यक्ति शिक्षा व समाज सेवा से कैसे पीछे रह सकता है। दिलीप कुमार श्रीवास्तव शिक्षा के मजबूत अलख जगाने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में फुलवरिया में डायनेमिक इंग्लिश स्कूल की स्थापना की। वर्तमान में पाँच सौ बच्चे अध्ययन कर रहे हैं। आपके दादा आजादी की लड़ाई लड़ी उसने प्रेरणा लेकर समाज सेवा में जुटे दिलीप कुमार श्रीवास्तव समाज के कमजोर वर्ग की सेवा में लगे हुए हैं। चाहे कोरोना काल, किसी को वास्तविक सहयोग हो, चाहे किसी को आर्थिक रुप से कमजोर के पुत्री की विवाह को तन मन धन से सहयोग कर रहे हैं।
काशीरत्न – 2024
श्रीमती मंजू सिंह
पिता सुबेदार सिंह की प्रेरणा से श्रीमती मंजू सिंह विजोना रिटेल प्रा० लि० की निदेशिका पद से समाज में महिलाओं को आर्थिक रुप से मजबूत बनाने में पूर्ण सहयोगी हो रहीं हैं। श्रीमती मंजू सिलाई मशीन संस्थान के माध्यम से सिलाई डिजाइन का ज्ञान देती हैं। प्रशिक्षण प्राप्त कर महिलाएं सिलाई की अपना व परिवार को आर्थिक मजबूत बना रही हैं। अब तक 200 महिलाओं को सिलाई मशीन दे चुकी हैं। श्रीमती मंजू सिंह वाराणसी के अलग-अलग क्षेत्रों में अगरबत्ती, धूप, मोमबत्ती, खिलौने बनाने का प्रशिक्षण दिलवाकर उनको सशक्त बनाने की दिशा में निर्णायक भूमिका निभा रहीं हैं।
काशीरत्न – 2024
महेन्द्र नाथ तिवारी अलंकार
माता प्रभावती देवी पिता कमला कान्त तिवारी के सुपुत्र महेन्द्र नाथ तिवारी अलंकार शिक्षा ग्रहण करने के उपरान्त शिक्षा को ही अपना माध्यम बनाया। अध्यापन क्षेत्र में कुशलता व व्यवहारिकता ने उच्च शिखर पर स्थान दिलाया। महेन्द्र नाथ तिवारी अलंकार वरिष्ठ शिक्षक व उप प्रधानाचार्य बी०टी०एस० के रहे। आप कुशल शिक्षक के साथ साहित्यकार हैं। गीत, गजल, मुक्तक, नाट्य मंच, संगीत में आपको महारत हासिल है। आपने कई पुस्तक लिखे व सम्पादन भी किये। आपको मधुशाला काव्य गौरव सम्मान सहित अनेक सम्मान से सम्मानित किया गया है। साहित्य के क्षेत्र में साहित्य सेवा कर नयी पीढ़ी को मार्ग दर्शन कर रहे हैं।
काशीरत्न – 2024
श्रीमती मुदिता गोस्वामी
जीवन है तो संघर्ष है, बिना संघर्ष के वास्तविक स्थान पर पहुँचना सम्भव नहीं है। संघर्षशील श्रीमती मुदिता गोस्वामी अपने माता डॉ० मालती गोस्वामी पिता श्री कौशल कुमार गिरि के प्रेरणा से वर्तमान में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ब्लाक के धन्नीपुर के सहायक अध्यापक पद से बच्चों को नई दिशा दे रही हैं। श्रीमती मुदिता गोस्वामी कम्प्यूटर आपरेटर पद से सेवा प्रारम्भ की। अपने पति मुकेश कुमार शुक्ला से प्रेरणा लेकर 2006 में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से बी.ए., बी.पी. एड. की उपाधि प्राप्त की। सेक्रेट्रियल व प्रबन्धन पर का आपका विशिष्ट अनुभव है।
काशीरत्न – 2024
संदीप कुमार यादव
समाजसेवी संदीप कुमार यादव का जन्म सन् 1984 को मध्यमेश्वर, दारानगर निवासी द्वारका प्रसाद यादव के यहा पर हुआ। आपकी शिक्षा दीक्षा वाराणसी में ही हुआ। बचपन से ही समाज के गरीबों, असहायों की सेवा करने की धुन सवार हो गया। आप विगत पांच वर्षों से प्रतिदिन कबीर चौरा हास्पिटल में खिचड़ी एवं पानी बोतल वितरण करते हैं। प्रति वर्ष जाड़े में गरीबों, असहायों में कंबल बांटना तथा अनाथालय, वृद्धाआश्रम में साड़ी, भोजन वितरण करना एवं कई प्राइमरी स्कूलों में बच्चों के लिए कापी, किताब, पेंसिल के अलावा शुद्ध जल के लिए आरो मशीन लगवाया। सबसे बड़ी बात यह है कि यह वह अपने पाकेट खर्च से करते हैं। आपको अनेको संस्थाओं एवं लोगो ने समय-समय पर सम्मानित किया है।
काशीरत्न – 2024
श्रीमती अर्चना जायसवाल
पति विशाल कुमार जायसवाल की प्रेरणा से अंग्रेजी को जन-जन तक पहुंचानें के लिए श्रीमती अर्चना जायसवाल ने प्रोजेक्ट जी स्पोकेन इंग्लिश व प्रोजेक्ट जी इंग्लिश स्कूल की स्थापना की। वहीं से अंग्रेजी शिक्षा जन-जन तक पहुँचा रही हैं। श्रीमती अर्चना जायसवाल एम.ए. अंग्रेजी की उपाधि प्राप्त की हैं। इनका कहना है कि विश्व में अंग्रेजी अपना विशेष प्रभुत्व रखता है। युवा को अंग्रेजी का ज्ञान होना आवश्यक है। जो व्यक्तित्व विकास में सहायक सिद्ध होता है।