वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वन, पर्यावरण एवं जंतु विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ अरुण कुमार एवं स्टांप एवं न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविन्द्र जायसवाल ने उद्यमियों की पर्यावरण एवं प्रदूषण विभाग से संबंधित समस्याओं एवं उसके त्वरित निराकरण हेतु वन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया। मंत्रीद्वय ने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि शासन की मंशा के अनुरूप उद्यमियों को सुगम एवं सुव्यवस्थित सुविधाएं हर हालत में मिले।
मंत्रीद्वय बुधवार को सर्किट हाउस सभागार में उद्यमियों के साथ बैठक कर रहे थे। मंत्री रविन्द्र जायसवाल ने कहा कि शासन की मंशा हैं कि उद्यमियों को सुगम एवं सुव्यवस्थित सुविधाएं हर हालत में मिले। इसी उद्देश्य से स्वयं वन मंत्री वाराणसी आकर उद्यमियों के बीच मौजूद होकर उनकी समस्याओं से अवगत होते हुए उसका निस्तारण किए जाने हेतु उद्यमियों एवं विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्देशित किया। उद्यमियों द्वारा शासन स्तर से औद्योगिक क्षेत्रों में एसटीपी स्थापित कर व्यवस्था सुनिश्चित कराने, कचरा का प्रबंधन सुचारू रूप से कराने के साथ ही औद्योगिक इकाइयों पर थर्ड पार्टी इंपेक्शन पर रोक लगाए जाने की मांग की गई। बताया गया कि ईपीआर पोर्टल का संचालन अभी सुचारू तरीके से न हो पाने से उद्यमियों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इसे सुचारू कराए जाने के साथ ही इससे निजात दिलाए जानें पर जोर दिया गया। इन्वायरमेंटल का एनओसी जारी करने की प्रक्रिया का सरलीकरण किए जाने की मांग करते हुए इसमें होने वाले विलम्ब से उधमियों को भारी समस्या का सामना करना पड़ता है। मंत्री रविन्द्र जायसवाल ने औद्योगिक क्षेत्रों से एसटीपी की समस्या का शीघ्र निस्तारण की व्यवस्था सुनिश्चित कराए जाने का भरोसा दिया। रमना एसटीपी से रामनगर औद्योगिक क्षेत्र के लिए दो गाड़ी व दो सुपरवाइजर की व्यवस्था कराए जाने की मांग किया गया। जिससे समस्या का समाधान हो सके। उद्यमियों ने औद्योगिक क्षेत्रों की सीवर समस्या के समाधान हेतु कॉमन एसटीपी व्यवस्था सुनिश्चित कराए जाने पर विशेष जोर दिया। जल संरक्षण पर भी विशेष जोर दिया। प्रदूषण विभाग के अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि नियमों का सरलीकरण सुनिश्चित किया जाए। उधमियों को किसी भी तरह समस्या न होने पाए। उद्यमी संगठनों द्वारा प्रदूषण विभाग द्वारा इकाईयों का जांच 5-5 वर्ष पर कराए जाने का सुझाव दिया गया। साथ यह भी मांग किया गया कि बिनावजह इकाईयों का जांच के नाम पर परेशान न किया जाय। प्रदूषण विभाग में इकाईयों की फीस के निर्धारण में यथासंशोधन पर जोर दिया गया। ईट भट्ठा संघ के पदाधिकारी ने बताया जनपद में 235 ईट भट्टे बिना प्रदूषण विभाग के एनओसी के चल रहे हैं, जबकि 175 ईट भट्टे जो लाइसेंस लेकर चल रहे हैं, उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता हैं। बताया गया कि पूरे प्रदेश में 9 हजार ईट भट्टे बिना लाइसेंस प्राप्त किए संचालित किया जा रहा है। मंत्री ने कहा कि बिना लाइसेंस प्राप्त किए संचालित होने वाले ईट भट्ठों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी।
मंत्री डॉ अरुण कुमार ने उद्यमियों की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता पर सुनिश्चित कराए जाने का भरोसा देते हुए विभागीय अधिकारियों को उद्यमियों से फ्रेंडली व्यवहार किये जाने पर जोर दिया। औद्योगिक क्षेत्र में कचरा प्रबंधन शीघ्र सुनिश्चित करने हेतु जिला पंचायत के अधिकारी को निर्देशित किया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2012 से पहले के पंजीकृत ईट भट्ठों को नियमित करने के लिए व्यवस्था सुनिश्चित कराया जा रहा है। पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रदूषण का एक्यूआई कम करने हेतु आवश्यक व्यवस्थाये सुनिश्चित किए जाने हेतु नगर निगम सहित विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि सीएनजी वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी की व्यवस्था कराया जाएगा। प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को रोकने के लिए जांच की व्यवस्था प्रभावी होगा। सरकार जनता का सेवक हैं। उद्यमियों की समस्या का समाधान हर हालत में प्राथमिकता पर सुनिश्चित कराया जाएगा।
बैठक में विधायक सौरभ श्रीवास्तव सहित भारी संख्या में उद्यमी संगठनों के पदाधिकारी एवं उद्यमी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।