मास्टर ट्रैनर बनने हेतु तैराकी का प्रशिक्षण
नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों सहित अन्य संगठनों के लोगों ने किया प्रतिभाग
वाराणसी। बढ़ती डूबने की घटनाओं को न्यूनीकृत करने हेतु बुधवार को राहत आयुक्त कार्यालय व जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के संयुक्त तत्वाधान मे “मुख्यमंत्री बाल तरणवीर कार्यक्रम” के अंतर्गत श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के त्रयम्बकेश्वर मल्टीपर्पज हाल में एक दिवसीय मण्डल स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संजीव कुमार जिन्दल, संयुक्त सचिव, गृह मंत्रालय, भारत सरकार, मुख्य अतिथि, राजेन्द्र सिंह, सदस्य, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, गृह मंत्रालय भारत सरकार, मुख्य अतिथि, जी. एस. नवीन कुमार, सचिव एवं राहत आयुक्त, राजस्व विभाग, उत्तर प्रदेश शासन, विशिष्ट अतिथि, एस. राजलिंगम, जिलाधिकारी, मनोज कुमार, शर्मा, डी0आई0जी0 11 वाहिनी एनडीआरएफ, वन्दिता श्रीवास्तव, अपर जिलाधिकारी (वित्त/राजस्व), अरुण कुमार सिंह, अपर जिलाधिकारी (वित्त/राजस्व) गाजीपुर, अदिति उमराव, परियोजना निदेशक, राहत आयुक्त कार्यालय सहित SDRF टीम, 36 वाहिनी PAC टीम, जल पुलिस टीम, वाराणसी मण्डल के जनपदों से आए अधिकारीगण, नाविक, गोताखोर, घाट प्रबंधन से जुड़े व्यक्ति, आपदा मित्र, नागरिक सुरक्षा के स्वयंसेवक सहित अन्य संगठनों के लोगों द्वारा प्रतिभाग किया।
कार्यशाला के माध्यम से तीन जनपदों वाराणसी, गोरखपुर व प्रयागराज मे “मुख्यमंत्री बाल तरणवीर कार्यक्रम” के पाइलेट प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया गया।
इस पाइलेट प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य प्रदेश मे डूबने से होने वाली जनहानियों मे कमी लाना है। इसके अंतर्गत प्रथम चरण मे राज्य आपदा मोचन बल के क्रमिकों, पीएसी के जवानों को पटना स्थित नीनी संस्था के द्वारा मास्टर ट्रैनर बनने हेतु तैराकी का प्रशिक्षण दिया गया। इनके पूर्णतयः प्रशिक्षित होने के बाद ये मास्टर ट्रेनर तीनों जनपदों के आपदा मित्रों घाट कर्मियों को तैराकी का प्रशिक्षण प्रदान करेंगे, जिससे भविष्य मे डूब कर होने वाली घटनाओं मे कमी लाई जा सके। कार्यशाला का प्रारम्भ दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यशाला के दौरान उपस्थित अतिथियों द्वारा सभा को संबोधित करते हुए योजना के सफल होने व भविष्य मे इसके न्यूनीकृत होने पर बल दिया। वन्दिता श्रीवास्तव, अपर जिलाधिकारी (वित्त/राजस्व) वाराणसी द्वारा प्रस्तुतिकरण के माध्यम से आपदा के प्रकार, जनपद में विभिन्न प्रकार की आपदाओ का परिदृश्य, जनपद में मुख्यमंत्री बाल तरणवीर कार्यक्रम का स्वरूप, जनपद में डूबने से होने वाली मृत्यु को न्यून किये जाने हेतु की गई व्यवस्था, आपदाओं के प्रति संवेदनशीलता, आपदा प्रबंधन चक्र सहित अन्य बिंदुओं पर प्रकाश डाला गया। 11 वी वाहिनी NDRF द्वारा डूबने व नाव दुर्घटना में first Aid तथा Search and Rescue पर डेमोस्ट्रेशन तथा प्रस्तुतिकरण दिया गया। अदिति उमराव, परियोजना निदेशक राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा राज्य सरकार द्वारा नाव दुर्घटना व डूबने से होने वाली जनहानि के न्यूनीकरण हेतु किये जा रहे कार्य एवं राहत मानक पर जानकारी दी गई। डूबने से बचाव संबंधित जागरूकता संवर्द्धन हेतु लोक कलाओं (नुक्कड़ नाटक एवं जादू) के माध्यम से प्रदर्शन किया गया। कार्यशाला के अंत मे प्रतिभागियों द्वारा डूबने से बचाव हेतु शपथ लिया गया।
कार्यशाला के पश्चात डूबने से बचाव हेतु मॉक ड्रिल का आयोजन ललिता घाट पर किया गया। उक्त मॉक ड्रिल में 3 परिदृश्य को दर्शया गया। 1-व्यक्ति के गहरे पानी मे नहाते हुए डूबने का परिदृश्य, 2-घाट पर से पैर फिसल के कारण डूबने का परिदृश्य, 3-नाव पलट जाने का परिदृश्य। NDRF, SDRF, 36 PAC, जल पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से उक्त मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। मॉक ड्रिल में अस्थाई मेडिकल कैम्प स्थापित किया गया था। किसी की डूबने पर किस प्रकार से सहायता की जा सकती है उसका डेमोस्ट्रेशन किया गया। घाट पर आए श्रद्धालुओं द्वारा मॉक ड्रिल में बढ़ चढ़ के प्रतिभाग किया गया। संचालन उप नियंत्रक नागरिक सुरक्षा नीरज मिश्रा ने किया।