वाराणसी। उत्तर प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में संयुक्त मण्डलीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी का आयोजन 30 जून को सुबह 10.00 बजे से पद्म विभूषण गिरिजा देवी सांस्कृतिक संकुल, मकबूल आलम रोड, चौकाघाट में किया गया है। जिसमें वाराणसी, प्रयागराज एवं विन्घ्याचल मण्डल के सभी जनपदों के कृषि एवं कृषि से सम्बद्ध विभागों के अधिकारी तथा सभी जनपदों के मुख्य विकास अधिकारी और प्रगतिशील किसान प्रतिभाग करेंगे।

संयुक्त कृषि निदेशक आशुतोष मिश्रा ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि संयुक्त मण्डलीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी में केबिनेट कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही मुख्य अतिथि, राज्यमंत्री कृषि बलदेव सिंह औलख विशिष्ठ अतिथि रहेंगे। गोष्ठी में कृषि, उद्यान एवम् कृषि से सम्बन्धित अन्य विभागों के प्रदेश स्तरीय अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। गोष्ठी में सभी विभागों एवं कृषक उत्पादक संगठनों के द्वारा आकर्षक स्टाल लगाये जायेंगे। इस गोष्ठी में मुख्य रूप से खरीफ 2023 में “किसानों की खेती की लागत कैसे कम की जाये तथा उनके उत्पादन में किस प्रकार वृद्धि की जाये, इस रणनीति पर चर्चा होगी”। जिसमे अन्तर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, अदलपुरा एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञाानिकों के द्वारा मुख्य रूप से खाद्यान की फसल धान, श्रीअन्न की फसल-ज्वार, बाजरा, सांवा, कोदो, मडुवा इत्यादि तथा दलहनी, तिलहनी और सब्जी के फसलों के गुणवत्ता युक्त नवीनतम् उत्पादन तकनीकी की जानकारी दी जायेगी। इसी के साथ किसानों की समस्याओं का समाधान किया जायेगा एवं प्रगतिशील किसानों के सुझाव भी लिये जायेंगे। इसके लिए सभी मण्डलों के विभिन्न क्षेत्रों के प्रगतिशील किसानों को आमंत्रित किया गया है। गोष्ठी में दलहनी एवं श्रीअन्न की फसलों को बढावा देने के लिए चयनित कृषकों को निःशुल्क बीज मिनीकिट का वितरण भी किया जायेगा।

जिलाधिकारी एस. राजलिंगम गुरुवार को मुख्य विकास मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल सहित अन्य अधिकारियों के साथ पद्म विभूषण गिरिजा देवी सांस्कृतिक संकुल में आयोजित होने वाले खरीफ गोष्ठी की तैयारियों का जायजा लिया। सभी तैयारियां पूर्ण करते हुए गोष्ठी को व्यवस्थित ढंग से संपन्न कराए जाने हेतु कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने प्रगतिशील किसानों के साथ-साथ पशु पालन, मत्स्य पालन के क्षेत्र में उम्दा एवं उत्कृष्ट कार्य करने वाले पशुपालकों एवं मत्स्य पालकों को भी गोष्ठी में आमंत्रित किए जाने हेतु निर्देशित किया। संकुल परिसर में ही कृषि एवं कृषि उत्पादन, कृषि संयंत्रों के साथ-साथ कृषि, पशुपालन, मत्स्य, स्वास्थ्य, मृदा परीक्षण आदि से संबंधित स्टॉल लगाए जाने का भी निर्देश दिया।

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