
वाराणसी। प्रेमचंद की कहानी नशा का उद्देश्य समाज की विसंगतियों को उखाड़कर आस्थावादी संदेश देना है। झूठ एवं छद्म के मोहपाश में फंसकर वास्तविकताओं को भूलना जीवन में त्रासद स्थितियों को उत्पन्न करता है। बीर अपने ही जाल में फंसता चला जाता है। उक्त कथन मुंशी प्रेमचंद मार्गदर्शन केंद्र ट्रस्ट, लमही द्वारा प्रेमचंद स्मारक लमही में आयोजित दैनिक कार्यक्रम सुनों मैं प्रेमचंद के 1095 दिन पूरे होने पर संस्था के निदेशक राजीव गोंड ने कहा। प्रेमचंद की कहानी नशा का पाठन रंगकर्मी प्रिंस वर्मा ने किया। राहुल यादव को प्रेमचंद मित्र नामित किया गया।इस अवसर पर राजेश श्रीवास्तव,हेमंत चौधरी, देव बाबू, ज्यूत कुमार, राजेश कुमार मनोज विश्वकर्मा आदि थे।
