
वाराणसी।सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी और स्पेन के इंस्टीट्यूटो सर्वेंट्स, नई दिल्ली ने अकादमिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए एक सहयोगात्मक समझौता किया है।समझौते का उद्देश्य भाषा सीखने, सांस्कृतिक समझ और अकादमिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए दोनों संस्थानों की विशेषज्ञता और संसाधनों का लाभ उठाना है।इसके माध्यम से स्पेनिश में डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित कर विद्यार्थियों को रोजगार के अवसर देने की पहल है।उक्त विचार आज दोनों संस्थाओं के प्रमुखों के द्वारा समझौता-mou पत्र पर हस्ताक्षर कर कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा ने व्यक्त किया।
कुलपति प्रो शर्मा ने बताया कि उक्त समझौते से यहां के विद्यार्थियों को भारतीय ज्ञान परम्परा के ज्ञान तत्वों को भारत के साथ-साथ विदेशों में भी प्रसारित कर संस्कृत के प्रभाव को स्थापित करने का सुनहरा अवसर है।
दोनों संस्थाओं के प्रमुखों ने समझौता पत्र पर हस्ताक्षर कर करारनामे में विभिन्न शर्तों के बारे में स्पेन के इंस्टीट्यूटो सर्वेंट्स सेंटर,नई दिल्ली के निदेशक ऑस्कर पुजोल रीमबाउ ने बताया कि इस संस्थान के पास संबंधित विषय में विशेषज्ञता और प्रशिक्षण प्रदान करने की क्षमता के साथ- साथ स्पैनिश भाषा और अकादमिक जुड़ाव और बातचीत की सुविधा प्रदान करती है जिसका उपयोग विश्वविद्यालय द्वारा आधुनिक भाषा विभाग के लिये किया जाएगा।इसके अन्तर्गत संयुक्त कार्यशालाएं, साँस्कृतिक गतिविधियाँ और स्पेनिश भाषा संबंधित विषयों पर डेटा तथा पुस्तकालय सुविधाओं को साझा करना शामिल है।
समझौते के उद्देश्य हैं विश्वविद्यालय में स्पेनिश डिप्लोमा पाठ्यक्रम स्थापित करना, जो छात्रों और स्पेनिश सीखने में रुचि रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए खुला हो।यह सुनिश्चित करना कि स्पेनिश शिक्षण अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करता है और संस्थान द्वारा नियोजित संचार भाषा शिक्षण पद्धति का उपयोग करता है।
विश्वविद्यालय और वाराणसी में संस्थान के बीच सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन को सुविधाजनक बनाना।
समझौते का उद्देश्य भाषा सीखने, सांस्कृतिक समझ और अकादमिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए दोनों संस्थानों की विशेषज्ञता और संसाधनों का लाभ उठाना है।
उक्त समझौते पत्र पर कुलसचिव राकेश कुमार ने गवाह के रूप में हस्ताक्षर किया है।
उक्त अवसर पर प्रो राम पूजन पाण्डेय,प्रो० दिनेश गर्ग, प्रो शैलेश कुमार मिश्र,डॉ पद्माकर मिश्र आदि उपस्थित थे।
