वाराणसी। डीएवी पीजी कॉलेज के अर्थशास्त्र विभाग के तत्वावधान में शुक्रवार को साइबर सिक्योरिटी पर विशिष्ट कार्यशाला का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता स्कूल आफ मैनेजमेंट साइंस में कंप्यूटर साइंस विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर आनंद प्रकाश दुबे ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि अब लड़ाई अस्त्र-शस्त्र या हथियारों की नहीं रह गई है अब वर्चुअल दुनिया में एक दूसरे को हराने की होड़ मची हुई है। साइबर अटैक करने वाले अपराधी वैश्विक अर्थव्यवस्था से लेकर हर एक को व्यक्तिगत रूप से आर्थिक और सामाजिक क्षति पहुंचाते हैं। उन्होंने कहा कि साइबर क्राइम का स्वरूप दिन-ब-दिन बदलता रहता है जिसके लिए हम सभी को जागरूक रहने की आवश्यकता है, इंटरनेट पर सूचनाओं का भार बहुत ज्यादा हो चुका है, ऐसे में गूगल का प्रयोग करते समय सही लिंक का चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है। जीमेल पर या मोबाइल पर प्राप्त होने वाले संदेश जरूरी नहीं की सभी सही हो ऐसे में किसी भी ईमेल अथवा मैसेज का लिंक खोलना भी खतरे से खाली नहीं है। उन्होंने कहा कि फिशिंग को रोकने के लिए अनाधिकृत वेबसाइट के प्रयोग से बचें साथ ही साथ अपने पासवर्ड को भी समय-समय पर अपडेट करते रहे। अंत में उन्होंने साइबर फ्रॉड के भुक्तभोगीयों के लिए 1930 टोल फ्री नंबर के अलावा सरकारी वेबसाइट, साइबर थाना के बारे में भी बताया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के कार्यकारी प्राचार्य प्रोफेसर सत्यगोपाल जी ने कहा कि साइबर हमले समाज और मानवता दोनों के लिए कलंक की तरह है। आज 75 फीसदी से ज्यादा साइबर अटैक सरकारी संस्थाओं पर हो रहे हैं यह अन्य देशों के अपेक्षा भारत में ज्यादा है, जो हमारी सुरक्षा के लिए खतरा बना हुआ है। इससे पूर्व अतिथि का स्वागत विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अनूप कुमार मिश्रा ने पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर किया। संचालन डॉक्टर पारूल जैन एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर उदय भान सिंह ने दिया। इस अवसर पर मुख्य रूप से डॉक्टर मयंक कुमार सिंह, डॉक्टर मीनू लाकड़ा, डॉक्टर सिद्धार्थ सिंह, डॉक्टर आहुति सिंह, डॉक्टर शालिनी सहित बड़ी संख्या में अध्यापक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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