वाराणसी। मारवाड़ी समाज लक्सा में डोकानिया गौ सेवा गोविन्द सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से चल रहे नौ दिवसीय श्री रामकथा के तीसरे दिन प्रख्यात कथा वाचक वाणी भूषण त्यागमूर्ति संत शम्भू शरण लाटा ने श्री राम जन्म के प्रसंग का संगीतमय कथा वाचन कर श्रोताओं को सुनाये। उन्होंने कथा का वाचन करते हुए कहा कि जहां किसी का वध नहीं होता वह अवध है। भजन तभी सफल होता है जब आप चालाकी नहीं करते हैं। प्रेम में डूब कर भजन करने से भगवान प्रकट हो जाते हैं। भारतीय नारी पति को परमेश्वर मानती है। जो पति को पतन से बचा ले वही धर्मपत्नी होती है। राजा दशरथ के पुत्र प्राप्ति न होने पर चिंतित होकर रोने लगे। उन्होंने वशिष्ठ मुनि के कहने से श्रृंगी ऋषि से यज्ञ कराया। उन्होंने यज्ञ किया और यज्ञ में से अग्नि देव हाथ में खीर का प्रसाद लेकर प्रकट हुए। राजा दशरथ ने प्रसाद अपनी रानियों को खिलाया। माता कौशल्या से भगवान श्री राम का जन्म हुआ। प्रकृति में आनंद छा गया। भगवान के जन्म होते ही महल में प्रकाश पुंज प्रकट हो गया। चार भुजाओं के साथ भगवान प्रकट हो गए। माता कौशल्या स्तुति करने लगी। दासीयां बधाइयाँ देने लगी। कथा सुनने वाले समस्त श्रोता श्री राम जन्म का प्रसंग सुनते ही उठ खड़े होकर खुशी से नृत्य करने लगे। समस्त लोगों को बधाइयाँ बांटी। भगवान शंकर अयोध्या आये उनको महल के अंदर जाने से रोक दिया गया। शंकर जी सरयूँ के किनारे जाकर बैठ गए। माता कौशल्या के गोद में भगवान राम रो रहे थे। उनकी नजर उतारने के लिए बाबा भोले नाथ खुद आये। कहे दर्शन करा दे मईया लाल का, गोदी में पूरे सौ साल का। भगवान शंकर ने हाथ पाँव का रेखा देखा और कहे यह बालक बहुत प्रतापी होगा। कौशल्या से बोले इसकी पाँव की रेखाएं बहुत हैं। बालक बहुत गमन करेगा, अहिल्या का उद्दार करेगा, जनकपूरी में धनुष तोड़ेगा और राजा की पुत्री से विवाह होगा। राजा दशरथ के चारों पुत्र चारों वेदों के तत्व हैं। माता अंजनी के गर्भ से श्री हनुमान जी पैदा हुए। इससे पूर्व उन्होंने रावण को अभिमानी बताते हुए अधर्म के रास्ते पर चलने का प्रसंग बताते हुए कहा कि धर्म की बात सुनेंगे तो भ्रष्टाचार नहीं करेंगे। रावण बहुत अभिमानी था। भगवान शंकर जी का बहुत ही अनन्य भक्त था। भगवान रावण का अभियान बढ़ाने के लिए लंका में जाते थे। उन्होंने भजन शिव शम्भू जैसा निराला कोई देवता नहीं है जैसा है डमरूवाला कोई देवता नहीं है श्रोताओं को सुनाया।

कार्यक्रम में कथा के पश्चात संक्षिप्त रामायण का पाठ एवं आरती कर प्रसाद का वितरण किया गया। इस अवसर पर सजन डोकानिया, कुसुम डोकानिया, आलोक डोकानिया, अंकित डोकानिया, काजल डोकानिया, पारुल डोकानिया, श्वेता मुरारका, डॉ शिल्पा जैन, विष्णु मुरारका, अभिनव जैन, यश मुरारका, डॉ तान्या मुरारका, अरिष्ठा जैन, धिति डोकानिया, विशेष डोकानिया, ओजस्वी डोकानिया, नयोनिका डोकानिया, राजू धमानिया, बजरंग अग्रवाल, उर्मिला अग्रवाल सहित सैकड़ो भक्त गणों ने श्री राम जन्म के प्रसंग पर शोहर एवं बधाइयाँ गाकर झूमते हुए खुशियाँ मनाई।

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