रिपोर्ट उपेन्द्र कुमार पांडेय, आजमगढ़ 

 

आजमगढ़।हिंदू सनातन धर्म में नाग पंचमी सबसे प्रमुख पर्व में से एक है। इस पर्व पर नाग की पूजा करते हैं। नाग पंचमी श्रावण मास के शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है। फूलपुर प्रयागराज के ज्योतिषाचार्य पं ऋषिकेश शुक्ल ने बताया की इस वर्ष नाग पंचमी 09 अगस्त 2024 को मनाई जाएगी। नाग पंचमी का एक ऐसा पर्व जो देशभर के लगभग सभी राज्यों में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में आध्यात्मिक शक्ति, मनोवांछित फल की प्राप्ति होती हैं।

श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचम तिथि को 09 अगस्त 2024 को प्रातः काल 05:46 से 08:47 सुबह तक नाग देवता की पूजा करने का विशेष मुहूर्त है।

नाग पंचमी के दिन सबसे पहले सुबह सूर्योदय से पहले उठकर नित्य कर्मों से मुक्त हो लें, फिर स्नान करें। इसके बाद शिव जी के साथ-साथ नाग देवता की पूजा करें। नाग देवता की पूजा में फल, फूल, मिठाई और दूध अर्पित करें। मान्यताओं के अनुसार जिन जातकों की कुंडली में कालसर्प दोष या फिर राहु-केतु से संबंधित कोई दोष हो तो नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा जरूर करनी चाहिए।

नाग पंचमी के पर्व पर नागों, सांपों की पूजा के लिए समर्पित है। महाभारत में, राजा जनमेजय ने अपने पिता राजा परीक्षित की मृत्यु का बदला लेने के लिए नागों का नरसंहार करने के लिए यज्ञ शुरू किया था। ऋषि आस्तिक ने नागों को बचाने के लिए हस्तक्षेप किया और यज्ञ रोकने में सफल रहे। यज्ञ रुकने का दिन पंचमी तिथि था, जो आज नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है। हिंदू धर्म में, नागों को अत्यंत पूजनीय माना जाता है। ऋषियों, देवताओं, और राजाओं को अक्सर नागों के साथ चित्रित किया जाता है।

नाग पंचमी के दिन, लोग अपने घरों में नाग देवता की पूजा करते हैं, उन्हें दूध, चावल, फूल और मिठाई आदि अर्पित करते हैं। कुछ लोग नागों को भी दूध पिलाते हैं या नाग मंदिरों में दर्शन करने जाते हैं। यह माना जाता है कि नाग पंचमी का पर्व मनाने से भगवान शिव और नाग देवता प्रसन्न होते हैं और भक्तों को आरोग्य, समृद्धि और मोक्ष प्रदान करते हैं। यह पर्व हमें प्रकृति का सम्मान करने और सभी जीवों, चाहे वे कितने ही छोटे या भयानक क्यों न हों, के प्रति दयालु होने का संदेश भी देता है

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