उर्वरक की कालाबाजारी रोकने के लिए की गई व्यापक छापेमारी

 

 

वाराणसी। कृषकों को उचित मूल्य पर उर्वरक उपलब्ध कराने, कालाबाजारी रोकने तथा उर्वरक गुणवत्ता बनाये रखने, बिक्री केन्द्र पर उपलब्ध स्टाक एवं पी0ओ0एस0 मशीन में प्रदर्शित स्टाक का सत्यापन करने के निमित्त जनपद-व्यापी चेकिंग अभियान के तहत् उर्वरक निरीक्षक एवं अन्य विभाग के अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाकर जनपद के साधन सहकारी समितियों, पी0सी0एफ0 विक्रय केन्द्रों, इफको सेवा केन्द्र, आई0एफ0एफ0डी0सी0, औद्यानिक समिति एवं निजी उर्वरक विक्रेताओं के बिक्री केन्द्रों/गोदामों पर गुरुवार को छापे की कार्यवाही की गयी। टीम का गठन जिलाधिकारी एस. राजलिंगम के आदेश के क्रम में मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल द्वारा किया गया। टीम-1 में जिला कृषि अधिकारी संगम सिंह, जिला उद्यान अधिकारी सुभाष कुमार, वरिष्ठ प्राविधिक सहायक ग्रुप-1 रोहित कुमार सिंह जिनको तहसील-पिण्डरा टीम-2 में जिला कृषि रक्षा अधिकारी बृजेश कुमार विश्वकर्मा एवं जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी आर0पी0 सिंह जिनको तहसील-राजातालाब टीम-3 में उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी-सदर निरूपमा सिंह, परियोजना अधिकारी-नेडा प्रेम प्रकाश सिंह जिनको तहसील-सदर आवंटित किया गया।

छापे के दौरान नामित उर्वरक निरीक्षकों के द्वारा कुल 44 बिक्री केन्द्रों की जांच करते हुए गुणवत्ता परीक्षण हेतु 15 उर्वरक के नमूने ग्रहीत किये गये। निरीक्षण के समय दुकान खुला छोडकर पालायित होने पर मेसर्स किसान ट्रेडर्स, बेलवा तथा बगैर सूचना के दुकान बन्द पाये जाने पर मेसर्स वन स्टाप शाप एग्रीजंक्शन-नुआंव सब्जी मण्डी, मेसर्स अनिल बीज भण्डार-नुआंव सब्जी मण्डी, मेसर्स मनीष वन स्टाप शाप एग्रीजंक्शन-सरहरी, मेसर्स जय संतोषी खाद बीज भण्डार-भरथरा का उर्वरक निबंधन प्रमाण पत्र निलम्बित किया गया। अबैध रूप से व्यापार तथा उर्वरकों की कालाबाजारी करने वाले बिक्रेताओं के विरूद्ध यह अभियान निरंतर चलता रहेगा। वर्तमान में जनपद के समस्त क्षेत्र में डी0ए0पी0 एवम् अन्य रासायनिक उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता है। साथ ही जनपद के सभी निजी एवम् संस्थागत उर्वरक बिक्रेताओं को निर्देशित किया जाता है कि मृदा एवम् पर्यावरण का स्वास्थ्य बनाये रखने हेतु कृषकों को उनकी जोत/फसल के अनुसार पीओएस मशीन के माध्यम से ही उर्वरक उपलब्ध करायें तथा किसान भाइयों से अपील है कि रासायनिक उर्वरक मुख्य रूप से यूरिया एवं डी0ए0पी0 की खपत को कम करने तथा खेती की लागत को कम करने हेतु अपने फसल में वैकल्पिक उर्वरक के रूप में नैनो यूरिया, नैनो डी0ए0पी0 और तिलहनी फसलों हेतु डी0ए0पी0 के स्थान पर एन0पी0एस0 उर्वरक का प्रयोग करें, इससे मृदा एवम् पर्यावरण का स्वास्थ्य बना रहेगा तथा आप सभी के आय में बृद्धि होगी।

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