वाराणसी।सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी में सोमवार को यूजीसी की त्रि सदस्यीय निगरानी समिति का आगमन हुआ। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने समिति के सदस्यों का स्वागत पारम्परिक रूप से करते हुए कहा कि यूजीसी द्वारा इस संस्था में दिव्यांग जनों के लिए सार्वभौमिक पहुंच को बढ़ावा देने के लिए सम्मानित त्रि सदस्यीय समिति भेजा गया है।इसके लिए सभी के आभारी हैं।
यह संस्था देववाणी संस्कृत के अभ्युदय एवं उत्थान के संकल्पित भाव से कार्य कर रही है। यह संस्था दिव्यांगजनों का पोषण और संरक्षण करने के लिए समर्पित है।
निगरानी समिति के सदस्यों में प्रो. राधे श्याम (एमडी) विश्वविद्यालय रोहतक, हरियाणा, ए. गंगाथरन,(सहायक प्रोफेसर), बनारस हिंदू विश्वविद्यालय तथा अशोक कुमार गर्ग,एओ,यूजीसी) है।
समिति का उद्देश्य विश्वविद्यालयों में दिव्यांग सशक्तिकरण और सार्वभौमिक पहुंच को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक कदम उठाना है।
समिति विश्वविद्यालयों में दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए सुलभ बुनियादी ढांचे, शिक्षा सामग्री और प्रौद्योगिकी की व्यवस्था करने के लिए आवश्यक सुझाव को क्रियान्वित कराने की पहल किया है।
भारत सरकार के दिव्यांग जन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) द्वारा अधिसूचित आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम 2016 के अनुसार, यूजीसी ने उच्च शिक्षा संस्थानों में पहुंच के आकलन के लिए मापदंड तैयार किए हैं।
इन मापदंडों का उद्देश्य उच्च शिक्षा संस्थानों में दिव्यांग जनों के लिए सार्वभौमिक पहुंच को बढ़ावा देना है। ये मापदंड उच्च शिक्षा संस्थानों को दिव्यांग जनों के लिए सुलभ और समावेशी बनाने में मदद करेंगे। मापदंडों के मुख्य बिंदु हैं:
सुलभ बुनियादी ढांचा: उच्च शिक्षा संस्थानों में सुलभ बुनियादी ढांचे की व्यवस्था करना, जैसे कि रैम्प, लिफ्ट, सुलभ शौचालय आदि।
सुलभ शिक्षा सामग्री: उच्च शिक्षा संस्थानों में सुलभ शिक्षा सामग्री की व्यवस्था करना, जैसे कि ब्रेल लिपि, ऑडियो सामग्री आदि।
सुलभ प्रौद्योगिकी: उच्च शिक्षा संस्थानों में सुलभ प्रौद्योगिकी की व्यवस्था करना, जैसे कि स्क्रीन रीडर, जावा आदि।
समर्थन सेवाएं: उच्च शिक्षा संस्थानों में समर्थन सेवाओं की व्यवस्था करना, जैसे कि काउंसलिंग, एकेडमिक समर्थन आदि।
इन मापदंडों का पालन करके, उच्च शिक्षा संस्थान दिव्यांग जनों के लिए सार्वभौमिक पहुंच को बढ़ावा दे सकते हैं और उन्हें समावेशी और सुलभ बना सकते हैं।
समिति के सदस्यों ने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा के नेतृत्व में विभिन्न भवनों और सुविधाओं का जायजा लिया।जिसमें बहु संकाय भवन, परीक्षा भवन, ऐतिहासिक मुख्य भवन, पाणिनी भवन, लाल भवन, छात्रावास सहित सरस्वती भवन पुस्तकालय, पुस्तकालय विस्तार भवन हस्तलिखित एवं अन्य भवनों का निरीक्षण सूक्ष्मता से किया।
उस दौरान यूजीसी प्रभारी प्रो दिनेश कुमार गर्ग के साथ समिति ने एक बैठक योग साधना केंद्र में करके दिए गये प्रोफार्मा पर विस्तार से चर्चा कर उसको भरने तथा एक प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश भी दिया।
उस दौरान छात्र कल्याण संकाय प्रमुख प्रो हरिशंकर पाण्डेय, प्रो सुधाकर मिश्र, प्रो हरिप्रसाद अधिकारी,प्रो राजनाथ प्रो दिनेश कुमार गर्ग, अभियंता राम विजय सिंह आदि उपस्थित थे।