रिपोर्ट उपेन्द्र कुमार पांडेय, आजमगढ़ 

 

आजमगढ़।विश्व हिंदी शोध एवं संवर्धन अकादमी आजमगढ़ इकाई के तत्वावधान में आयोजित, आजमगढ़ के भदुली बाजार स्थित साईं इण्टर नेशनल स्कूल के विशाल सभागार में विश्व हिन्दी शोध एवं संवर्धन अकादमी आजमगढ़ इकाई के अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार रुद्रनाथ चौबे “रुद्र” जी द्वारा रचित, उनके चौथे काव्य संग्रह “हृदय सिन्धु की लहरें” का भव्य लोकार्पण समारोह संपन्न हुआ।

विश्व हिन्दी शोध एवं संवर्धन अकादमी के संस्थापक व निदेशक सुविख्यात साहित्यकार हीरालाल मिश्र मधुकर ( वाराणसी ) कार्यक्रम के मुख्य अतिथि तथा दुर्गा जी पी जी कालेज आजमगढ़ के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ प्रवेश सिंह विशिष्ट अतिथि रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्यभूषण राजाराम सिंह और संचालन आइडियल जर्नलिस्ट एसोसिएशन के महासचिव संजय पांडेय ने किया।समारोह के मुख्य वक्ता के रूप में डी ए वी पी जी कॉलेज के प्रोफेसर डॉ जगदम्बा प्रसाद दूबे रहे।

कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन से प्रारंभ हुआ तत्पश्चात सरस्वती वंदना प्रीती वर्मा के ने प्रस्तुत की।

अतिथियों का स्वागत सम्मान माल्यार्पण, अंगवस्त्रम एवं स्मृति चिन्ह प्रदान करके किया गया। कार्यक्रम में आये हुए समस्त काव्यप्रेमियों ,रचनाकारों एवं साहित्यकारों का स्वागत माल्यार्पण के द्वारा किया गया। कुशाग्र व सक्षम जुड़वा बच्चों ने स्वागत गीत प्रस्तुत करके आए हुए सभी अतिथियों को मंत्र मुग्ध कर दिया।

विश्व हिंदी शोध एवं संवर्धन अकादमी आजमगढ़ इकाई के महामंत्री लालबहादुर चौरसिया ‘लाल’ व सभी पदाधिकारियो ने रचनाकार श्री रुद्र जी को मोमेंटो देकर सम्मानित किया। महासचिव संजय पाण्डेय सरस ने पुस्तक के रचनाकार रुद्र नाथ चौबे रुद्र को अपनी संस्था का स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया ।

रचनाकार को सम्मानित करने के क्रम में तमसा काव्य मंच आजमगढ़ के द्वारा तमसा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। उ0 प्रा0 वि0 रैसिंहपुर के अध्यापकों के द्वारा रचनाकार को अंगवस्त्रम से सम्मानित किया गया ।

तदुपरांत आये हुए विद्वान साहित्यकारों के द्वारा पुस्तक *हृदय सिन्धु की लहरें* का भव्य लोकार्पण हुआ। अपने लेखकीय उद्बोधन में सभी आगन्तुकों का अभिनन्दन करते हुए रुद्र नाथ चौबे रुद्र ने पुस्तक की एक रचना ( मन की वीणा बजाये मेरी सर्जना ) का काव्यपाठ किया । कवयित्री अनीता राज, सरोज यादव एवं शालिनी राय जी के द्वारा हृदय सिन्धु की लहरें पुस्तक से खूबसूरत गीतों की प्रस्तुति दी गई।

डॉ जगदंबा प्रसाद दूबे ने लोकार्पित पुस्तक की बारीकियों पर व्यापक प्रकाश डालते हुए पुस्तक को लोकोन्मुख बताया तथा रचनाकार रुद्रनाथ चौबे रुद्र की भूरि भूरि प्रशंसा की।

विशिष्ट अतिथि डाक्टर प्रवेश कुमार सिंह जी ने पुस्तक की रचनाओं को काव्य सौष्ठव व पद लालित्य के दृष्टिकोण से उत्कृष्ट बताया ।

मुख्य अतिथि हीरालाल मिश्र मधुकर ने पुस्तक को जीवन के विभिन्न पहलुओं में रचा बसा एक दस्तावेज बताया। उन्होंने कहा कि आज के क्षरित होती मानवीय संवेदना के समय में ऐसे रचनाकारों की महती आवश्यकता है।

कार्यक्रम अध्यक्ष राजाराम सिंह जी ने पुस्तक “हृदय सिंधु की लहरें” को मानवीय मूल्य का संरक्षण करने वाली पुस्तक बताया।

इस अवसर पर जनपद के वरिष्ठ साहित्यकार हरिहर पाठक, डा मनीषा मिश्रा, डा ईश्वर चन्द्र त्रिपाठी, भोलानाथ त्रिपाठी विह्वल, गिरीश पांडेय, टीकाराम शर्मा आचार्य, दिनेश दानिश, सोहनलाल गुप्त, विजयेंद्र श्रीवास्तव, राकेश पांडेय सागर, महेंद्र मृदुल, विजय प्रताप बुढ़नपुरी, घनश्याम यादव, घनश्याम यादव जेई आदित्य आजमी, राजकुमार, आशीर्वाद, देवेंद्र तिवारी देव, लालबहादुर चौरसिया लाल, महेंद्र मौर्य, अशोक कुमार यादव, रोहित राही, अभिराज बेदर्दी , जयहिंद सिंह हिंद, शिवकुमार प्रियदर्शी, रवीन्द्र फौजी, विजय बागी, गुलशन फरीदाबादी , ददरा ग्राम प्रधान के साथ भारी संख्या में ग्राम के निवासी गण तथा रैसिंहपुर उच्च प्राथमिक विद्यालय के सभी शिक्षको सहित सैकड़ों की संख्या में साहित्यकार व साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के अंत में विद्यालय प्रबंधक श्री भागवत तिवारी ने आए हुए सभी लोगों का आभार ज्ञापित किया।

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