वाराणसी। अधिशासी अभियन्ता, सिंचाई खंड, जौनपुर ने बताया कि नाद-नदी न होकर बल्कि यह प्राकृतिक नाला है, जिसका उद्गम स्रोत जनपद जौनपुर में जलालपुर विकास खण्ड के ग्राम बराई एवं सुदुल्लापुर में है। यह नाला लगभग आठ माह सूखा रहता है, मात्र वर्षा के दिनों में जल प्रवाह रहता है।

उन्होंने बताया कि इस नाले में जगह-जगह से छोटे-छोटे 17 अदद नाले आकर मिलते हैं, किन्तु इसमें पानी न होने के कारण वर्ष भर सूखी रहती है इस नाले में वर्षा के दिनों में उक्त नाले आस-पास के क्षेत्र का पानी को लेकर इस नाले में मिल जाते हैं। जिससे वर्षा ऋतु में भारी जल प्रवाह होता है।उन्होंने बताया कि नाद नदी का उद्गम स्रोत किसी ऐसे प्राकृतिक जल स्रोत जैसे बड़ी झील, झरने, पहाड़ अथवा जमीन के अन्दर से निकलने वाले स्रोते से नहीं जुड़ा है, जिसके कारण इसमें वर्ष भर जल प्रवाह नहीं रहता। इस नाले के किनारे करखियॉव एग्रो पार्क की फैक्ट्री स्थापित है, जिसमें से अवैध रुप से गन्दा पानी व कीचड़ एवं आर्गेनिक मैटेरियल बह करके आता है जिसकी वजह से आस-पास के क्षेत्र में वातावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

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