वाराणसी।गुरु पूर्णिमा पर्व पर केदार घाट स्थित गौरी केदारेश्वर मंदिर में नमामि गंगे ने अपार श्रद्धा के साथ मनाया । सदस्यों ने विधि-विधान से गौरी सहित बिराजे केदारेश्वर की आरती उतारकर चरण वंदना की। गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्र्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः गुरु साक्षात परब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः की गूंज के बीच समाज देश में खुशहाली की कामना की। सृष्टि की उत्पत्ति, स्थिति एवं संहार के अधिपति सकल ब्रह्मांड के उपासक देवाधिदेव महादेव को गंगा जल अर्पित कर गंगा निर्मलीकरण की कामना की गई । इस दौरान भक्तों ने गुरुदेव के बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। भारतवर्ष को गुरु मां के रूप में समृद्धि प्रदान करने वाली मां गंगा की स्वच्छता के लिए अलख जगाई गई । केदार घाट पर स्वच्छता अभियान चलाकर लोगों से गंदगी न करने की अपील की गई । नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने बताया कि गुरु स्वयं ही ब्रह्मा, श्रीविष्णु तथा महेश्वर हैं । वे ही परब्रह्म हैं । संपूर्ण सृष्टि शिवमय है । गुरु-शिष्य परंपरा’ भारत की सबसे बड़ी विशेषता है। भगवान शिव गुरु के रूप में हमें शिक्षा देते हैं कि मानव ईष्याभाव का त्यागकर सद्भाव को अपनाए। कहा की गुरु मां के रूप में हमारी पालनहार गंगा कि स्वच्छता का उत्तरदायित्व हम सभी का होना चाहिए । आयोजन में प्रमुख रूप से नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला , महानगर प्रभारी पुष्पलता वर्मा, सूर्यांशु शुक्ला, संतोष त्रिपाठी, शिवपूजन पांडेय, सावित्री देवी आदि उपस्थित रहे।