गुप्त नवरात्रि के अवसर पर ज्योतिर्मठ मे हो रहा है धार्मिक अयोजन

 

उत्तराखंड।जोशीमठ, चमोली,

ज्योतिर्मठ परिसर में तीन दिवसीय एक सहस्त्र दंपति पूजन के दूसरे दिन नगर और ग्रामीण क्षेत्रों की सैकड़ो दंपतियों का लक्ष्मी-नारायण के रूप में पूजा अर्चना की गई।

यह धार्मिक अनुष्ठान ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती ‘१००८’ जी के आशीर्वाद एवं पावन सानिध्य में आयोजित किया जा रहा है। दूसरे दिन दम्पति की सविधि पूजा की गई ।

इस अवसर पर अपने संदेश में ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती ‘१००८’ जी महाराज ने कहा कि चैत्र और शारदीय नवरात्रों की तरह ही गुप्त नवरात्रों का भी अपना विशेष महत्व होता है। धर्म के बिना जीवन का कोई महत्व नहीं है, धर्माचरण हमें ऊंचा उठाता है इसलिए मानवों को इसका आचरण करना चाहिए उन्होंने सहस्त्र दंपति धार्मिक अनुष्ठान में शामिल सभी दंपतियों की दीर्घायु की मंगल कामना की।

हिंदी कैलेंडर के अनुसार आज श्रीशंकराचार्य पीठ, ज्योतिर्मठ परिसर में गणतंत्र तिथि मनाया गया ।

इस अवसर पर ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती जी ने अपने संदेश में कहा कि हम सभी लोगों को हमारे राष्ट्रीय पर्व और त्योंहारों को भारतीय तिथियों के अनुसार ही मनाने चाहिए ।

उन्होंने कहा जिस तरह से हम लोग राष्ट्रीय पर्व को अपनी तिथियों में मनाते हैं, ठीक उसी प्रकार हमे स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस को भी तिथि के अनुसार मनाना चाहिए ।

सभी कार्यक्रम में सर्वश्री विष्णुप्रियानन्द ब्रह्मचारी, ज्योतिर्मठ पुरोहित आनन्द सती, शिवानन्द उनियाल, वाणीविलास डिमरी, रामदयाल मैदुली, जगदीश उनियाल, महिमानन्द उनियाल, अभिषेक बहुगुणा, वैभव सकलानी, अभय बहुगुणा, हिमांशु बहुगुणा, शुभम रावत आदि उपस्थित रहे ।

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