वाराणसी। भारत की सांस्कृतिक राजधानी काशी की सांगीतिक विरासत को अक्षुण्ण रखने का अभिनव प्रयास है, काशी विरासत संरक्षण समिति के तत्वावधान में आयोजित *काशी वंदन: दैनंदिन सांस्कृतिक संध्या* का आयोजन। काशी की संगीत प्रतिभाओं को मंच उपलब्ध कराने और पर्यटकों तथा संगीत प्रेमियों को काशी की संगीत से परिचित कराने हेतु जिला प्रशासन द्वारा यह अभिनव पहल की गई।जिसका बुधवार को अनवरत दो माह पूर्ण हुए। नमो घाट पर प्रतिदिन सायं आयोजित काशी बंधन कार्यक्रम के दो माह पूर्ण होने पर तथा रंगोंत्सव के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसमें सर्वप्रथम गौरव मिश्रा और तनुश्री मिश्रा का युगल गायन हुआ। जिसमें होरी, चैती, दादरा गाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। तबले पर पंडित विभास महाराज तथा श्री जय मिश्रा तबला तथा की बोर्ड पर धनंजय भैरव ने संगत किया। तत्पश्चात पंडित रवि शंकर जी के सानिध्य में उनकी कलाकार शिष्यों ने आकर्षक शास्त्रीय नृत्य का कार्यक्रम का प्रस्तुत किया। जिसमें तराना, होरी तथा मुरशीद खेले होली की सुंदर प्रस्तुति हुई।

कार्यक्रम का शुभारंभ जिलाधिकारी और समिति के अध्यक्ष एस० राजलिंगम तथा धन्यवाद ज्ञापन मुख्य विकास अधिकारी व समिति के उपाध्यक्ष हिमांशु नागपाल, कार्यक्रम संयोजन क्षेत्रीय संस्कृति अधिकारी डा० सुभाष चन्द्र यादव व अंशुमान महाराज ने तथा संचालन शर्मा ने किया। इस अवसर पर सहायक पुलिस आयुक्त आदमपुर अमित पांडेय, उपनिदेशक पर्यटन राजेंद्र कुमार रावत, जिला सूचना अधिकारी डा० सुरेंद्र कुमार पाल, नितिन द्विवेदी, नवीन सिंह सहित बड़ी संख्या में संगीत प्रेमी उपस्थित रहे।

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