
वाराणसी।आज नव संवत्सर के अवसर काशी के शंकराचार्य घाट स्थित श्रीविद्यामठ में परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानन्द: सरस्वती महाराज ने सनातनी पञ्चाङ्ग व शंकराचार्य दिनदर्शिका का लोकार्पण किया।
शंकराचार्य ने कहा यह संवत्सर, जिसका आज शुभारम्भ हो रहा है वह वर्तमान सृष्टि के 1 अरब 95 करोड़ 58 लाख 85 हजार 126वां है। इतने दिनों से हम प्रतिदिन अपनी सन्ध्या और पूजा के संकल्प में कालगणना करते आ रहे हैं। दिन के हिसाब से गिनें तो 7 खरब 4 अरब 11 करोड़ 86 लाख 45 हजार दिन होते हैं। इतनी पुरानी सभ्यता और संस्कृति का दावा भी हमारा है और इतिहास भूगोल भी हमारा ही है। इतने पुराने को मिलने वाली हर नवीनता बहुत ही आकर्षक होती है इसीलिए हमारा नव वर्ष हमें अपार हर्ष प्रदान करता है।
शंकराचार्य ने कहा यदि आपने देश के स्वतन्त्र होते ही इस बात का आग्रह रखा होता कि हम उसी को वोट देंगे जो प्राथमिकता के साथ गौ हत्या बन्दी का वचन देगा तो इस देश में गौ हत्या जैसा महापाप कब का बन्द हो चुका होता और आप करोड़ों सनातनी गौ हत्या के महापाप से पीड़ित होकर शारीरिक, मानसिक और आर्थिक कष्ट न भोगते। पर आपने यह नहीं सोचा और न किया। परिणामस्वरूप 75 साल की आजादी के बाद भी आप अपनी गौ माता को कानूनन बचा नहीं सके हैं। इसलिए हमारा ज्योतिष्पीठ के जगद्गुरु शङ्कराचार्य के रूप में स्पष्ट निर्देश है कि आप किसी भी दशा में उन दलों को अपना मतदान मत करिए जो सत्ता में आकर गौ हत्या जैसे महापाप को बढ़ावा देते हैं अन्यथा आपको भी गौ हत्या का महापाप लगेगा क्योंकि गौ हत्या का समर्थन करने वाले का समर्थन भी, सहयोग भी हमें पापी बनाता है।
हम आपसे यह भी अनुरोध करना चाहेंगे कि आपके शंकराचार्य के रूप में आप समस्त सनातन धर्मियों के अभिभावक के रूप में हम आपकी हर धार्मिक समस्या के समाधान के लिए अपने आपको तैयार कर रहे हैं। इसके लिए पर्याप्त धन और जन की हमको आवश्यकता है। जो लोग धर्मकार्य में अपने आपको समर्पित करना चाहते हों, इस माध्यम से आजीविका और सम्मान अर्जित करना चाहते हों वह भी अपने आपको समर्पित करें और जो लोग अपना तन-मन न दे सकते हों वे धन के द्वारा अपने शंकराचार्य को पुष्ट बनाएं । अपने शंकराचार्य के कार्यालय को पुष्ट बनाएं जिससे आपके शंकराचार्य आपकी हर धार्मिक समस्या के समाधान के लिए आपके दरवाजे पर अपना सहयोग प्रस्तुत कर सकें। सरकारें भी आपके द्वारा दिए गए मतदान और टैक्स से ही बलवान होकर आपके कल्याण के कार्यक्रम बनाती हैं और उनको मूर्त रूप प्रदान कर पाती हैं। इसी तरह से आपकी धार्मिक समस्याओं के समाधान में आपका आचार्य तभी समर्थ हो सकेगा जब आपका उसको तन मन धन से पूर्ण समर्थन हो। इसलिए इस नव संवत्सर पर आप सब संकल्प लें कि हम किसी न किसी रूप में अपने आचार्य को अपना बल प्रदान करेंगे ताकि हमारी धार्मिक समस्याओं का निदान हमारा आचार्य निश्चिन्त होकर कर सके। आप सबको इस नव संवत्सर गौ संवत्सर की अनेक-अनेक शुभकामनाएँ व्यक्त करते हुए अपने आपको आपकी धार्मिक समस्याओं के समाधान के लिए हम प्रस्तुत कर रहे हैं।
नारायण- नारायण।
नव संवत्सर की शुरुआत वैदिक विद्यार्थियों ने मङ्गलाचरण से किया। जिसके अनन्तर श्रीकृष्ण कुमार तिवारी ने साथी कलाकारों के साथ गणेश वन्दना की प्रस्तुति की। इसके पश्चात सुर्यार्घ्य दिया गया व वैदिक विद्यार्थियों ने सूर्य प्रणाम किया।जिसके अनन्तर परमधर्माधीश शंकराचार्य जी महाराज द्वारा लोकार्पित पञ्चाङ्ग के सम्पादक प्रो. शत्रुघ्न त्रिपाठी ने नव संवत्सर का फल श्रवण कराया। क्रमशः ध्वजा पूजन, ध्वजारोहण, राष्ट्रगान, राष्ट्रनदी गंगा गान, पथ संचलन हुआ। महेंद्र प्रसन्ना का साथी कलाकारों संग शहनाई वादन,भजन के बाद राष्ट्रगीत के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राजन्मभूमि व राममन्दिर का फैसला हिन्दुओं के पक्ष में कराने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता डा पी.एन. मिश्रा उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन साध्वी पूर्णाम्बा दीदी ने किया। संयोजन देवी शारदाम्बा, ब्रह्मचारी मुकुन्दानन्द, ब्रह्मचारी परमात्मानन्द ने किया।
समस्त कार्यक्रम में प्रमुख रूप से सर्वश्री: ब्रह्मचारी ज्योतिर्मयानन्द, डॉ गिरीश चन्द्र तिवारी, रवि त्रिवेदी, हजारी कीर्ति नारायण शुक्ला, हजारी सौरभ शुक्ला, अभय शंकर तिवारी, डॉ साकेत शुक्ला, रंजन शर्मा, शैलेन्द्र योगी, रमेश उपाध्याय, सतीश अग्रहरी, सुनील शुक्ला, संतोष चौबे, डा लता पाण्डेय, माधुरी पाण्डेय, चांदनी चौबे, आर्यन सुमन पाण्डेय, अमित तिवारी आदि लोग सम्मलित थे
