जौनपुर ।डाक विभाग द्वारा ‘वित्तीय समावेशन डाक मेला’ एवं जीआई उत्पाद पर ‘विशेष आवरण व विरूपण’ विमोचन कार्यक्रम का आयोजन बुधवार को हिंदी भवन, जौनपुर में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने भौगोलिक संकेतक प्राप्त जौनपुर जिले के प्रथम जी.आई. उत्पाद ‘जौनपुर इमरती’ पर विशेष आवरण व विरूपण का विमोचन किया।
वहीं सुकन्या समृद्धि योजना और महिला सम्मान बचत पत्र की लाभार्थियों को पासबुक वितरित करते हुए सशक्त नारी-समृद्ध समाज का आह्वान किया।
पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि अपनी ऐतिहासिक विरासतों के साथ जौनपुर खान पान के मामले में भी समृद्ध रहा है। जौनपुर की इमरती का इतिहास ब्रिटिश शासन काल (लगभग 200 वर्ष) का है। इसकी देश-विदेश में अत्याधिक मांग है। इसकी भौगोलिक विशिष्टता को देखते हुए भारत सरकार द्वारा 30 मार्च, 2024 को इसे भौगोलिक संकेतक प्रदान किया गया है। यह दर्जा प्राप्त करने वाला यह जौनपुर का प्रथम उत्पाद है। इस पर विशेष आवरण से इसकी वैश्विक स्तर पर ब्रांडिंग और व्यापक प्रचार-प्रसार होगा। यह ‘वोकल फॉर लोकल’ की प्रधानमंत्री जी की संकल्पना को भी आगे बढ़ाता है। भारत की समृद्ध विरासत को डाक टिकटों और विशेष आवरण के माध्यम से अगली पीढ़ियों तक संचारित करने में डाक विभाग की अहम भूमिका है।
श्री यादव ने बताया कि वाराणसी क्षेत्र के आसपास के 34 उत्पादों को जीआई प्राप्त है। दुनिया के किसी भी भूभाग में यह सर्वाधिक है। इन जीआई उत्पादों से लगभग पच्चीस हजार करोड़ का सालाना कारोबार और 20 लाख लोग परोक्ष और अपरोक्ष रूप से लाभान्वित हैं।
अधीक्षक डाकघर परमानंद कुमार ने बताया कि जौनपुर इमरती पर जारी उक्त विशेष आवरण मय विरूपण 25 रुपए में जौनपुर प्रधान डाकघर एवं फिलैटिलिक ब्यूरो, प्रधान डाकघर वाराणसी में उपलब्ध होगा।
इस अवसर पर अधीक्षक डाकघर परमानंद कुमार, आइपीपीबी सीनियर मैनेजर साक्षी सिन्हा, सहायक डाक अधीक्षक विपिन यादव, निरीक्षक डाक बलबीर सिंह, व्यास मुनि पाठक, दिलीप पांडेय, पोस्टमास्टर विष्णु देव मिश्रा सहित तमाम अधिकारी- कर्मचारी उपस्थित रहे।
ग़ौरतलब है कि जौनपुर इमरती साधारण इमरती से बिल्कुल अलग होती है। इसे विशेष रूप से हल्की आंच पर पकाया जाता है और इसमें इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री में देशी चीनी (खांडसारी), देशी घी और उड़द की दालें शामिल हैं। यह इतनी मुलायम होती है कि मुंह में डालते ही घुल जाती है।