समिति में कोई बिचौलिया नहीं होना चाहिए
वाराणसी। मात्स्यिकी के क्षेत्र में बहुउद्देशीय नई मत्स्य जीवी सहकारी समितियों के गठन हेतु प्रदेश सरकार ने मछुआ समुदाय के आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान के लिए महत्वपूर्ण पहल की है। बहुउद्देशीय मत्स्य जीवी सहकारी समिति के गठन के लिए आनलाइन पोर्टल की शुरुआत कर दी गई है। इस पोर्टल से मछुआरो/मछुआ समुदाय को सहकारी समितियों में शामिल होने से रोजगार के नए अवसर प्राप्त होगें।
उक्त जानकारी देते है मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य पालक विकास अभिकरण राजेंद्र कुमार ने बताया कि बहुउद्देशीय नई मत्स्यजीवी सहकारी समिति के गठन लिए ऑफलाइन एवं ऑनलाइन आवेदन विभागीय पोर्टल https://fisheries.up.gov.in पर मांगे जा रहे है। बहुउद्देशीय मत्स्य जीवी सहकारी समिति के सभी सदस्यों की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए तथा सभी के पास आधार कार्ड एवं मोबाइल नम्बर होना अनिवार्य है। समिति के गठन के लिए 27 सदस्यों का होना अनिवार्य है एवं प्रत्येक सदस्य समिति के कार्यक्षेत्र में रहता हो जो परस्पर एक ही परिवार के सदस्य न हो। चयनित सदस्यों में 03 सदस्य अनु० जाति वर्ग के एवं 06 महिला सदस्यों का होना आवश्यक है। समिति के सचिव की शैक्षिक योग्यता इण्टरमीडिएट होगी। कोई भी व्यक्ति एक ही समिति का सदस्य बन सकता है तथा समिति में कोई बिचौलिया नहीं होना चाहिए। सदस्यों की अंश पूंजी प्रति सदस्य रु० 100/- तथा प्रवेश शुल्क प्रत्येक
सदस्य रु० 10/- होगा। समिति गठन के लिए अन्य आवश्यक विस्तृत विवरण मत्स्य विभाग उ०प्र० की वेबसाइट पर देखा जा सकता है अथवा कार्यालय मत्स्य पालक विकास अभिकरण डीआईजी कलोनी में किसी भी कार्य दिवस में आकर जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
