संस्कृत के संस्कार के अनुरूप विश्वविद्यालय का वातावरण निर्मित– कुलपति प्रो आलोक कुमार राय।
वाराणसी।लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय के नेतृत्व में वहाँ के प्रतिनिधि मंडल ने शनिवार को सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों का दौरा कर विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श किया।
इस विश्वविद्यालय से नामित नोडल अधिकारी एवं पुस्तकालय अध्यक्ष प्रो राजनाथ ने बताया कि वहाँ के प्रतिनिधि मंडल में कुलपति प्रो आलोक कुमार राय के साथ लखनऊ विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर, छात्र कल्याण संकायाध्यक्ष एवं पुस्तकालयाध्यक्ष के साथ-साथ अन्य विभागों के विभागाध्यक्ष सम्मिलित रहे। जिनका आगमन इस संस्था मे आज पूर्वाह्न मे हुआ।
कुलपति प्रो राय ने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर से लेकर पुस्तकालय तक स्वच्छ एवँ संस्कृत भाषा के अनुरूप निर्मित है।अत्यंत सुन्दर वातावरण का निर्माण है।
सबसे पहले प्रतिनिधि मंडल ने विश्वविद्यालय में स्थित हस्तलिखित पुस्तकालय भवन, में सरस्वती भवन में संरक्षित पांडुलिपियों का अवलोकन, रखरखाव एवं प्रबंधन पर विस्तृत चर्चा किया तत्पश्चात पांडुलिपियों के संरक्षण कार्य को देखा और संरक्षणकर्ताओं ने प्रत्येक विषय के सभी पहलू पर बारीकी से चर्चा किया। पुस्तकालय में 1623 की रखी शेक्सपियर कृत पुस्तक “भारत का संविधान” की प्रति का अवलोकन करते हुए “कल्हण की राजतरंगिणी” एवं विश्वविद्यालय द्वारा 1866 से प्रकाशित पंडित पत्रिका आदि पर विस्तृत चर्चा किया गया।
नोडल अधिकारी प्रो राजनाथ ने बताया कि लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आलोक कुमार राय ने यहां के पुस्तकालय की स्वच्छता और रखरखाव पर प्रसन्नता व्यक्त किया साथ विश्वविद्यालय के आचार्यों एवं पुस्तकालय के अधिकारियों को लखनऊ विश्वविद्यालय आने निमन्त्रण दिया।
पुस्तकालय का अवलोकन पुस्तकालयाध्यक्ष प्रोफेसर राजनाथ, उप पुस्तकालयाध्यक्ष दिनेश तिवारी ने कराया एवं संबंधित विषयों पर विस्तृत चर्चा किया। पुस्तकालय में चल रहे पांडुलिपियों के संरक्षण के कार्यो को भी देखकर अभिभूत हुये।
लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि मंडल का स्वागत और अभिनंदन कुलसचिव श्री राकेश कुमार, पुस्तकालय अध्यक्ष प्रो राजनाथ एवं चीफ प्रॉक्टर दिनेश कुमार गर्ग ने पारम्परिक रूप से किया।
टीम के साथ विश्वविद्यालय के कुल सचिव श्री राकेश कुमार एवं चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर दिनेश कुमार गर्ग भी उपस्थित रहे।