रिपोर्ट उपेन्द्र कुमार पांडेय, आजमगढ़
आजमगढ़।भारतीय सनातन धर्म में संक्रांति का बहुत महत्व है इस वर्ष मकर संक्रांति पर अद्भुत संयोग बनने जा रहा है
जब सूर्य ग्रह धनु राशि से निकालकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं तब मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है।
भारतीय के पंचांग के अनुसार इस वर्ष यह पर्व 14 जनवरी 2025 को मनाया जाएगा।
नारायण ज्योतिष परामर्श एवं अनुसंधान केंद्र फूलपुर प्रयागराज के ज्योतिषाचार्य पं ऋषिकेश शुक्ल ने बताया कि इस वर्ष मकर संक्रांति पर जो अद्भुत संयोग बनने जा रहा है। यह संयोग लगभग 19 साल बाद बनने जा रहा है
*शुभ योग और मुहूर्त*
14 जनवरी 2025 को माघ माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा है माघ माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर मकर संक्रांति मनाई जाएगी। माघ में पड़ने से विशेष महत्व पूर्ण हो गयी है
मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर सबसे पहले पुनर्वसु नक्षत्र का संयोग है। इस योग का समापन सुबह 10 बजकर 14 मिनट पर होगा। इसके बाद पुष्य नक्षत्र का संयोग है। ज्योतिषियों की मानें तो वर्षों बाद मकर संक्रांति पर पुष्य नक्षत्र का संयोग है। इस नक्षत्र के स्वामी शनिदेव हैं। अत: पुष्य नक्षत्र में काले तिल का दान करने से साधक को शनि की बाधा से मुक्ति मिलेगी। इस शुभ अवसर पर बालव और कौलव करण के संयोग है।
मकर संक्रांति के दिन देवों के देव महादेव कैलाश पर जगत की देवी मां पार्वती के साथ विराजमान रहेंगे जिसे शिववास योग कहा जाता है। इस शुभ अवसर पर किसी समय भगवान शिव का अभिषेक एवं पूजा तथा प्रयागराज में त्रिवेणी में स्नान का विशेष महत्व है।
मकर संक्रांति का पुण्य काल 14 जनवरी 2025को सुबह 09 बजकर 05 मिनट से शाम 05 बजकर 38 मिनट तक है। जबकि,महा पुण्य काल सुबह 09 बजकर 05 मिनट से 10 बजकर 52 मिनट तक है।
इस मूहूर्त में तिल का दान तथा गंगा करना विशेष शुभ कारी रहेगा।ज्योतिषाचार्य पं ऋषिकेश शुक्ल 9450591477