वाराणसी। प्रेमचंद की कहानियां हिंदीभाषी क्षेत्रें में ही नहीं, बल्कि संपूर्ण भारत में आज भी पढ़ी, समझी और सराही जाती हैं। इतना ही नहीं, विदेशी भाषाओं में भी कहानियों का अनुवाद हो चुका हैं। यह बातें सोच-विचार पत्रिका के सम्पादक नरेंद्र नाथ मिश्र ने। प्रेमचंद मार्गदर्शन केंद्र की ओर से प्रेमचंद स्मारक स्थल लमही में आयोजित सुनों मैं प्रेमचंद कहानी पाठ 1455 दिवस पूर्ण होने पर प्रेमचंद की कहानी सज्जनता का दंड का पाठ साहित्यकार प्रो. प्रकाश उदय ने किया। सम्मान प्रो. श्रद्धानंद व नरेन्द्र नाथ मिश्र व डा संजय श्रीवास्तव, निदेशक राजीव गोंड ने किया। इस अवसर पंकज सिंह, रोहित गुप्ता,अजय यादव, संजय श्रीवास्तव, राहुल विश्वकर्मा, राहुल यादव, सुजीत सिंह,आयुषी दूबे, मनोज विश्वकर्मा, डा राजेश श्रीवास्तव आदि थे।

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