वाराणसी। सुगन्ध एवं सुरस विकास केन्द्र कानपुर की ओर से साईं इंस्टिट्यूट ऑफ रूरल डेवेलपमेंट (बसनी) में आयोजित अगरबत्ती, धूपबत्ती, हवन सामग्री एवं सुगन्धी का 45 दिवसीय प्रशिक्षण का बुधवार को समापन हुआ। जिसमें बसनी, बड़ागांव के आसपास की 30 महिलाओं और युवको ने भाग लिया। सुगन्ध एवं सुरस विकास केंद्र कानपुर के प्रभारी सहायक निदेशक डॉ भक्ति विजय शुक्ला ने बताया कि अगरबत्ती-धूपबत्ती, हवन सामग्री एवं सुगन्धी निर्माण से सम्बंधित उद्योग के लिये कौशल व उद्यमिता विकास कार्यक्रम के अंर्तगत 45 दिन का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किये गए। मुख्य अतिथि संयुक्त आयुक्त उद्योग मंडल उमेश सिंह थे। अतिथियों का स्वागत साई इंस्टीट्यूट के निदेशक अजय सिंह ने किया। प्रतिभागियों ने अनुभवों को साझा किया तथा प्रशिक्षण रोजगार परक बतलाया।

मुख्य अतिथि उमेश सिंह ने कहा कि समय की पाबन्धता और मेहनत, लगन सफलता के मुख्य आधार है। उन्होंने भविष्य में हर सम्भव मदद का आश्वासन भी दिया। दुर्गेश मिश्रा एवं अनुपमा दुबे को स्मृति चिन्ह देकर प्रशिक्षण में सहयोग के लिए सम्मानित किया गया। धन्यवाद ज्ञापन अनुपमा दुबे ने किया। प्रतिभागियों द्वारा बनाई गई अगरबत्ती, धूपबत्ती धूप कोन आदि की प्रदर्शनी भी लगाई गई। इस अवसर पर नितिन सहेजी, दुर्गेश मिश्रा, शिव कुमार शुक्ला, संजय सिंह, डॉ अंजना त्रिपाठी, ममता सिंह, रेनू सिंह, दुर्गा दुबे आदि थे।

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