वाराणसी। शिक्षक, शिक्षार्थी विरोधी नीतियों के खिलाफ फुफुक्टा के आहवान पर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ सम्बद्ध महाविद्यालय शिक्षक एसोशिएसन के नेतृत्व में विश्वविद्यालय मुख्यालय पर सभी शिक्षकों ने भारी संख्या में उपस्थित होकर धरना दिया। धरने को सम्बोधित करते हुए महामंत्री डॉ. दिवाकर सिंह ने कहा कि उच्च शिक्षा निदेशक का निर्णय पूरी तरह से अव्यवहारिक एवं खारिज करने योग्य है अनुदानित महाविद्यालयों में लागू की गई। प्राचार्यों, प्राध्यापकों, छात्र/छात्राओं की बायोमेट्रिक उपस्थिति की अनिवार्यता को समाप्त किया जाय। अध्यक्ष डॉ. प्रदीप कुमार पाण्डेय ने कहा कि जिस प्रकार नई शिक्षा नीति 2020 को बिना किसी पूर्व तैयारी के लागू कर दिया गया उसी प्रकार यह आदेश निजीकरण को बढ़ावा देने वाला एवं सभी को समान शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराने के संवैधानिक भावना का घोर उल्लंघन है। इससे आर्थिक रूप से कमजोर छात्र / छात्राएं उच्च शिक्षा से वंचित हो जाएंगे उपाध्यक्ष डॉ. जगदीश सिंह ने कहा कि यह फरमान उच्च शिक्षा के नवाचार में एवं नई शिक्षा नीति के उन्नयन में बाधक है।

डॉ. उमाकान्त सिंह ने कहा कि अनुदोनित महाविद्यालय के शिक्षकों का लम्बित मांगों को पूरा किया जाय धरने में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से सम्बन्धित सभी महाविद्यालयों के शिक्षक भारी संख्या में उपस्थित थे। संचालन डॉ.दयाशंकर सिंह यादव ने किया धरना में यूपी कालेज से शशिकान्त द्विवेदी की उपस्थिति में बायोमेट्रिक की अनिवार्यता पर विरोध व्यक्त किया। मिर्जापुर राजमोहन शर्मा, डॉ. ज्योतिश्वर मिश्रा, डॉ० प्रतिमा मिश्रा प्रो० सुधीर कुo राय, प्रो० एन०पी० सि अनीता सिंह, प्रो० आभा सक्सेना, प्रो० आकाश जी. प्रो० सुधीर शाही, डॉ० उपेन्द्र जी. डॉ० धर्मेन्द्र सम्बोधित किया। डॉ० गंगेश दीक्षित फुफुक्टा के प्रतिनिधि के रूप में पर्यवेक्षक की भूमिका में थे।

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