वाराणसी।संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी में “मिशन शक्ति” के विशेष अभियान (फैज़-5) के अन्तर्गत सोमवार को कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा की अध्यक्षता में कौशल विकास पर आधारित शॉर्ट टर्म कोर्स विषय पर विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान किया गया।

कौशल विकास केन्द्र की निदेशक एवं आधुनिक ज्ञान विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. विधु द्विवेदी ने कहा कि आधुनिक कौशल वे क्षमताएं हैं जो वर्तमान समय में सफलता प्राप्त करने के लिए आवश्यक हैं। ये कौशल व्यक्ति को अपने व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में आगे बढ़ने में मदद करते हैं। कौशल विकास के विभिन्न आयाम हैं। इनमें आधुनिक कौशल, पारंपरिक कौशल, व्यावसायिक कौशल, और व्यक्तिगत कौशल शामिल हैं। आधुनिक कौशल में डिजिटल कौशल, संचार कौशल, और समय प्रबंधन शामिल हैं। पारंपरिक कौशल में ज्योतिष, कर्मकाण्ड, और वास्तुशास्त्र शामिल हैं। व्यावसायिक कौशल में व्यवसाय और उद्यमिता शामिल हैं। व्यक्तिगत कौशल में आत्म-विकास औरआत्म-विश्वास शामिल हैं। कौशल विकास से व्यक्ति अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सकता है। कौशल विकास से व्यक्ति अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकता है।

विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो जितेन्द्र कुमार ने बतौर वक्ता कहा कि कौशल विकास को विज्ञान से जोड़ते हुए पर्यावरण संरक्षण, स्वास्थ सम्बंधित विभिन्न आयामों से युक्त पाठ्यक्रम जो कि तीन माह, छ माह एवं एक वर्षीय पाठयक्रम के माध्यम से विभिन्न कौशल विकास के योजना से परिचित हो सकते हैं। इससे कम से समय में सफलता प्राप्त होगी।

वेद विभागाध्यक्ष प्रो महेन्द्र पांडेय ने कहा कि संस्कृत शास्त्र में रोजगार के विभिन्न आयाम है जो कि सभी के लिए रोजगारपरक हैं।महिलाओं के लिए शास्त्रों से युक्त कथाकार के भी पाठयक्रम हैं जिसके माध्यम से कौशल को विकसित कर स्वयं विकसित हो सकते हैं।

जनसंपर्क अधिकारी शशीन्द्र मिश्र ने कहा कि आज डिजिटल युग है,इसमें डिजिटल माध्यम से धैर्य के साथ स्वयं के जागरूकता और रूचि से विभिन्न तरह के जैसे पाक कला, सौंदर्य कला, पर्यावरण संरक्षण, नृत्य, गीत संगीत, पारंपरिक वेशभूषा, संस्कृति एवं जीवन दर्शन के विभिन्न आयामों को बताकर अच्छे रोजगार का सृजन किया जा सकता है।

आधुनिक भाषा एवं भाषा विज्ञान के अध्यक्ष तथा मिशन शक्ति नोडल अधिकारी प्रो. विद्या कुमारी चंद्रा ने स्वागत और अभिनन्दन करते हुए कहा कि मिशन शक्ति के माध्यम से स्वावलंबन और पुरुषार्थ का जागरण का प्रस्फुटित होता है।

संपूर्ण कार्यक्रमों पर विस्तार से प्रकाश डाला।

कार्यक्रम के प्रारम्भ में मंचस्थ अतिथियों के द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन किया गया।

मंचस्थ अतिथियों का पारम्परिक रूप से स्वागत और अभिनन्दन किया गया।अध्यापक, कर्मचारी एवं विद्यार्थियों ने सहभाग किया।

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