
वाराणसी ।वसन्त कन्या महाविद्यालय, कमच्छा के संस्कृत विभाग द्वारा सोमवार को दो महत्वपूर्ण कार्यशालाओं का भव्य उद्घाटन सम्पन्न हुआ।संस्कृतमातृमण्डलम् के अन्तर्गत केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय एवं संस्कृत भारती काशी प्रांत के संयुक्त तत्वावधान में दस दिवसीय संस्कृत संभाषण “एवं “सात दिवसीय श्रीमद्भगवद्गीता पाठ कार्यशाला” आयोजित है ।
कार्यशाला का उद्देश्य संस्कृत भाषा के साथ भारतीय दर्शन की प्रासंगिकता से अवगत कराना है।” कार्यशाला के माध्यम से प्रतिभागियों को संस्कृत भाषा में वार्तालाप कौशल विकसित करने का अवसर मिलेगा।
यह कार्यशाला भाषा की प्रात्यक्षिक समझ एवं अभिव्यक्ति कौशल को सशक्त बनाने पर केंद्रित है।
उद्घाटन समारोह में छात्राओं को संबोधित करते हुए प्राचार्य प्रो. रचना श्रीवास्तव ने कहा कि संस्कृत भाषा ने भारतीय ज्ञान परम्परा के धरोहर को संजोकर रखा ।इस भाषा का आधुनिक भारतीय भाषा के रूप में दैनिक व्यवहार में उपयोग किया जा रहा है। इसके उच्चारण से वाणी में परिष्कार होता है। त है।उद्घाटन समारोह में विभागाध्यक्ष डॉ शान्ता चटर्जी ने कहा कि ये कार्यशालाएं विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी साबित होंगी तथा संस्कृत भाषा एवं साहित्य के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। साथ ही संस्कृत भाषा को जीवंत तथा संवादशील बनाने के लिए इस तरह के प्रयास निरन्तर आवश्यक हैं।
कार्यक्रम का संचालन कार्यशाला की संयोजिका डॉ. मंजू कुमारी तथा प्रशिक्षण श्री राजकुमार कयाल और धन्यवाद ज्ञापन सुश्री सुधा चौबे ने किया।
