वाराणसी। काशी की सामाजिक एवं धार्मिक संस्था हरि बोल सेवा समिति एवं श्री अग्रसेन सेवा संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सात दिवसीय रासलीला के दूसरे दिन सोमवार को श्री कृष्ण के माखन चोरी लीला का मंचन किया गया। रासलीला का निर्देशन अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त एवं राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत ब्रज विभूति रसाचार्य स्वामी श्री फतेह कृष्ण शर्मा रसराज जी द्वारा किया जा रहा है।
माखन चोरी लीला का आरम्भ श्री कृष्ण द्वारा अपने ही घर में माखन चुराने होती हैं। कन्हैया घुटनों के बल उस कमरे में प्रवेश कर जाते हैं जहां माखन रखा है और वहां रखी मटकी से माखन निकल के खाने लगे है। वह जब आनंद के साथ माखन खा रहे होते है तभी मैया यशोदा अचानक से आ जाती है और कान्हा से पूछती है कि “तुम यहां क्या कर रहे हो? माखन चुरा रहे हो ? कान्हा बड़ी चतुराई से बोले मैया मैंने माखन नही चुराया, तूमने जो मेरे हाथों में कंगन पहनाया है उसमें से आग निकाल रही थी जिससे मेरा हाथ जल रहा था। जिससे बचाव के लिए मैंने माखन की मटकी में अपना हाथ डाल लिया।“ मैया यशोदा द्वारा ये पूछे जाने पर कि, “अच्छा ये तो ठीक है, लेकिन तुम्हारे मुख पर माखन क्यों लगा है?“ इस पर कन्हैया कुछ सोचते हुए कहते है, “मैया जब मैंने मटकी में हाथ दिया था तब मेरे मुख पर एक चींटी चली गई और जब मैं उस चींटी को अपने माखन लगे हाथों से हटाने लगा तब मेरे मुख पर माखन लग गया।“ मैया यशोदा ने कान्हा के मुख से ऐसी मन मोहने वाली बातें सुनकर उन्हे सीने से लगा लिया और लीला स्थल ‘‘जय कन्हैया लाल की’’ के जयकारें से गूंजाएमान हो उठा।
माखन चोरी लीला के दूसरे प्रसंग में गोपी के घर से झूठ बोलकर माखन मिश्री प्राप्त होने पर कन्हैया और उनके सखाओं को प्रसन्नता की सीमा नहीं थी। वह माखन लेकर गोपी के घर से बाहर आते है और जैसे ही गोपी ने द्वार बंद किया, कान्हा ने अपने सभी सखाओं को बुलाया और कहा कि जिसके यहां चोरी की है उसके दरवाजे पर बैठकर माखन मिश्री खाने में एक अलग ही आनंद प्राप्त होता है और फिर यह चोरी नहीं कहलाता।“ इतना कहकर कन्हैया अपने सखा मण्डली के साथ गोपी के दरवाजे के बाहर बैठ गए और सभी सखा माखन मिश्री खाने लगे। माखन मिश्री के खाने की आवाज जब गोपी के कानों में पड़ी और उसने जैसे ही दरवाजा खोला उसे कान्हा अपनी मंडली के साथ माखन खाते दिखते है और जैसे ही गोपी उन्हें पकड़ने के लिए दौड़ती है माखन चोर मण्डली अपने अपने घरों की ओर दौड़ लगाती है।
इस अवसर पर रासलीला के संयोजन से जुड़े अमर कुमार रस्तोगी, संतोष कुमार अग्रवाल ‘‘आढ़त वाले’’,कृष्ण शरण अग्रवाल, सचिन अग्रवाल ‘‘आढ़त वाले’’, दीपक अग्रवाल ‘‘लायंस’’, अमर रस्तोगी, रवि रस्तोगी आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।