चातुर्मास्य का 90 दिन का व्रत अनुष्ठान पूर्ण करने पर भक्तों ने 90 श्रीफल का माला किया समर्पित

 

वाराणसी।परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती 1008 अपना 21वाॅ चातुर्मास्य व्रत पूर्ण कर मध्य प्रदेश के परमहंसी गंगा आश्रम से सीमोल्लंघन के पश्चात् सिवनी होते हुए गुरुवार को सायंकाल काशी पधारे।शंकराचार्य जी महाराज के काशी पधारने पर सैकड़ों की संख्या में उपस्थित संत,वैदिक विद्वान,बटुक विद्यार्थी व भक्तगण ढोल,नगाड़े के थाप पर उद्घोष व पुष्पवर्षा कर स्वागत करते हुए सोनारपुरा चौराहे से शंकराचार्य घाट स्थित श्रीविद्यामठ तक ले आये।

श्रीविद्यामठ में पहुचने पर पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज के मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय में शंकराचार्य जी महाराज के चरण पादुका पूजन कर उनका वंदन व अभिनंदन किया।

पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज के मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय ने बताया कि मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले में स्थिति परमहंसी गंगा आश्रम में 90 दिनों का चातुर्मास व्रत अनुष्ठान पूर्ण कर आज शंकराचार्य जी महाराज के काशी पधारने पर भक्तों द्वारा उनको 90 श्रीफल का माला बनाकर समर्पित किया गया।काशी प्रवास के दौरान कोरोना से मृत लोगो के आत्मा सद्गति हेतु धर्मानुष्ठान आयोजित किया जाएगा।

ज्ञातव्य है कि विगत दिनों काशी में पूज्यपाद ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य जी महाराज ने यह इच्छा व्यक्त की थी कि कोरोना काल में जितने भी लोग देश और विदेश में मृत्यु को प्राप्त हुए और जिन लोगों का विधि-विधान से अन्तिम संस्कार तक नहीं हो पाया था उन सबकी सद्गति के लिए काशी में श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा आयोजित होगी और वैदिक पण्डितों द्वारा उन सबके लिए तर्पण आदि धार्मिक कृत्य भी सम्पन्न होंगे; अपनी इसी इच्छा को मूर्त रूप देने वे काशी पधार रहे हैं।

समस्त कार्यक्रम में प्रमुख रूप से सर्वश्री- साध्वी पूर्णम्बा दीदी,साध्वी शरदम्बा दीदी, ब्रम्हचारी मुकुंदानंद,डॉ गिरीश चन्द्र तिवारी,पं दीपेश दुबे,पं अभिषेक दुबे,दीपक शर्मा,बालेंदु नाथ मिश्र,पं सदानंद तिवारी विनीत” विनय भूषण तिवारी, भूपेंद्र मिश्र,आर्यन सुमन पाण्डेय,यतीन्द्र चतुर्वेदी,रमेश उपाध्यायजन्त्रलेश्वर यादव,राकेश पाण्डेय,किशन जायसवाल,विवेक पाण्डेय,अभिषेक राव आदि लोग प्रमुख रूप से शामिल थे।

 

 

प्रेषक

संजय पाण्डेय-मीडिया प्रभारी।

ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य जी महाराज।

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