वाराणसी। दी इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ़ इंडिया शाखा की ओर से एमएसएमई निर्यात (MSME NIRYAT)” पर एक सेमिनार का आयोजन अटल इन्क्यूबेशन सेंटर बीएचयू में हुआ। अतिथियों का स्वागत शाखा अध्यक्ष सी.ए. अनिल कुमार अग्रवाल ने किया। अध्यक्षता प्रो. डॉ. पी. वी. राजीव,(सेंटर इंचार्ज, इंस्टीट्यूटऑफमैनेजमेंट स्टडीज) बीएचयू और संचालन डा. श्रुति ने किया। मुख्य वक्ता वाराणसी से सीए. जीडी. दुबे और प्रो. डॉ आशुतोष मोहन थे। मुख्य वक्ता सीए. जीडी दुबे ने बताया की सरकार की विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) निर्यात में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के योगदान को मान्यता देती है। एमएसएमई विनिर्माण उत्पादन में लगभग 45 प्रतिशत, देश के कुल निर्यात में 40 प्रतिशत से अधिक और देश की जीडीपी में लगभग 8 प्रतिशत का योगदान देता है। डॉ आशुतोष मोहन, ने कहा कि विदेश व्यापार नीति ब्याज समानीकरण योजना जैसे विशिष्ट प्रोत्साहनों की पेशकश करके एमएसएमई का समर्थन करती है, जिसके तहत सभी निर्यातक जो सभी आईटीसी (एचएस) कोड में एमएसएमई के रूप में रजिस्टर हैं, उन्हें प्री और पोस्ट शिपमेंट के लिए रुपया निर्यात क्रेडिट के लिए 3% दर की छूट दी जाती है। धयन्वाद ज्ञापन शाखा सचिव सीए. नीरज कुमार सिंह ने किया I

इस कार्यक्रम में पूर्व शाखा अध्यक्ष सीए. सोम दत्त रघु, शाखा उपाध्यक्ष सीए.सौरभ कुमार शर्मा, शाखा कोषाध्यक्ष सीए.वैभव मेहरोत्रा, सीए शिशिर उपाध्याय, सीए रवि सिंह, सीए अप्रमेय गभावला, सीए अरविंद चौरसिया, सीए शिव केशरी, सीए शान अनवर, सीए ऋषभ खेतान आदि थे।

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