रिपोर्ट नितेश कुमार गुप्ता

 

वाराणसी। मच्छोदरी स्थित बिरला अस्पताल पर स्थानीय नागरिकों ने भ्रष्टाचारी प्रबन्धन का फूंका पुतला साथ में विरोध व्यक्त किया।प्रशासन से जांच कर कार्यवाही करने की मांग की। ज्ञात हो कि बिड़ला अस्पताल की स्थापना वर्ष 1941 ई. में आर्य आयुर्वेदिक ट्रस्ट के माध्यम से काशी के सन्यासियों, बटुकों, विद्यार्थियों तथा आम जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हुई थी। उस समय की तत्कालीन नगर महा पालिका ने लीज पर अस्पताल के निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध करायी थी, जिसकी समय सीमा बहुत पहले ही समाप्त हो चुकी थी। काशी नगर में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण मरीजों को कबीरचौरा या बी.एच.यू. पर आश्रित रहना पड़ता है। मोदी सरकार आने के बाद से ही स्थानीय नागरिको की मांग रही है कि केन्द्र सरकार के निर्देशन में बिड़ला अस्पताल का बेहतर स्वास्थ्य- सुविधा के लिए उबयन हो, परन्तु मौजूदा प्रबन्धकों के निजी स्वार्थ और मनमानी के कारण बी.एच.यू. के साथ बिइला अस्पताल का अनुबन्ध भी टूट गया। दूसरी तरफ अस्पताल में सेवाभाव से कार्यरत् चिकित्सको डा0 सुमित भार्गव एवं उनकी पत्नी डा० सरोजिनी भार्गव और डा० अरूण पाण्डेय, डा० आर. एनश्रीवास्तव, डा० के. वी. पी. सिंह के साथ अस्पताल के प्रबन्धन के सचिव जगदीश झुनझुनवाला, संयुक्त सचिव अनिल अग्रवाल व प्रबन्धन से जुड़े विजय चौधरी द्वारा दुर्व्यवहार करके अस्पताल से निकाल दिया गया। इसके पूर्व में भी अस्पताल प्रबंधन पर मनमानी और भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप लगते रहे हैं। स्थानीय नागरिकों ने सम्बन्धित जनप्रतिनिधियों को भी इस समस्या से अवगत कराया, परन्तु सरकार और प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं गया है। प्रबन्धन के उक्त लोगों द्वारा विभिन्न प्रकार से अस्पताल के कर्मचारियों व चिकित्सकों के साथ दुर्व्यवहार की घटना आम हो चली है। ज्ञातव्य हो कि अस्पताल के पूर्व चिकित्सक डा० संगीता त्रिपाठी ने अस्पताल के प्रबन्धन के संयुक्त सचिव अनिल अग्रवाल और मनोज अग्रवाल के विरूद्ध छेड़खानी और धमकी दिये जाने का मुकदमा भी थाना कोतवाली में पंजीकृत करवाया है, परन्तु उपरोक्त मुकदमे में भी स्थानीय पुलिस चौकी प्रभारी की संदिग्ध भूमिका के चलते आज तक कोई गिरफ्तारी या ठोस कार्यवाही नहीं की गई है, इससे नाराज स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करने के लिये शनिवार को अस्पताल प्रबन्धन का पुतला दहन और नारे बाजी की। पुतला दहन में मुख्य रूप से रतन जेटली अनघ शुक्ल, एडवोकेट, श्री पति मिश्र, डा.नितेश कुमार गुप्ता मोहम्मद मेहताब आलम, शिवम, केदार एवं श्री संजय त्रिपाठी

आदि उपस्थित रहे।

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