वाराणसी। राम जन्मभूमि आंदोलन का जिक्र हो और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को याद नहीं किया जाए, ऐसा नहीं हो सकता। कल्याण सिंह ने बाबरी विध्वंस को लेकर अपनी कुर्सी गंवा दी थी। लेकिन उन्हें इस बात का रत्ती भर भी अफसोस नहीं था। राम जन्मभूमि आंदोलन के चरम पर पहुंचने के बीच सन 1991 में उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी तो वह मुख्यमंत्री बने। कल्याण सिंह ने भाजपा संगठन को मजबूत करने के लिए पदयात्रा से लेकर रथयात्रा तक की जिम्मेदारी संभाली।

शुक्रवार को गुलाब बाग सिगरा स्थित पार्टी कार्यालय में आयोजित गोष्ठी में महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय ने पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की जन्म जयंती के अवसर पर व्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि समाज और राष्ट्र के निःस्वार्थ सेवा के लिए श्रद्धेय बाबूजी हमेशा याद किए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि पांच जनवरी को मनाए जाने वाले जन्म दिवस समारोह इस बार यादगार बनाने के लिए अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले श्रीराम जी की प्रतिमा का होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह भी है। इसीलिए बाबूजी का जन्मदिन इस बार ऐतिहासिक कहा जा रहा है।

गोष्ठी का संचालन महामंत्री जगदीश त्रिपाठी तथा धन्यवाद ज्ञापन उपाध्यक्ष मधुकर चित्रांश ने किया।

गोष्ठी में मुख्य रूप से जगदीश त्रिपाठी, अभिषेक मिश्रा, मधुकर चित्रांश, एडवोकेट अशोक कुमार, कुसुम पटेल, मीडिया प्रभारी किशोर सेठ, अजय प्रताप सिंह, जगन्नाथ ओझा, रतन सिंह मौर्य, गोपाल जी गुप्ता, डॉ रचना अग्रवाल, बृजेश चौरसिया, किशन कन्नौजिया, प्रज्ञा पांडेय, विभव सिंह, प्रीति पुरोहित, नेहा कक्कड़, मोहनिका माहेश्वरी ने विचार व्यक्त किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *