रिपोर्ट उपेन्द्र कुमार पांडेय, आजमगढ़ 

 

आजमगढ़ ।फूलपुर तहसील क्षेत्र में महाशिवरात्रि पर शिवालयों में शिव भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। देर रात से ही फूलपुर के निकट मुड़ियार के मुंडेश्वर नाथ मंदिर , पौराणिक स्थल ऋषि दुर्वासा धाम , मकसुदिया स्थित प्राचीन प्रगट शिव लिंग झारखंडे महादेव फूलपुर नगर ,माहुल नगर अम्बारी ,पवई ,मित्तूपुर , बेलवाई सहित ग्रामीण क्षेत्र आदि शिव मंदिरों पर शुक्रवार को पौ फटते से ही भक्तों की कतारें लगनी शुरू हो गई थीं। मंगला आरती के बाद मंदिर के पट खुल गए तो पूरा प्रांगण बम-बम भोले, हर-हर महादेव के उदघोष से पूरा क्षेत्र गूंज उठा।

फूलपुर मे शंकर तिराहा ,रोड वेज और शेखवलिया गाव के शिवालयों पर भक्त भगवान शिव का अभिषेक करने के लिए कतर लगी रही। इस दौरान शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद, गन्ने के रस आदि से भगवान का अभिषेक कर उनका श्रृंगार किया गया।

दोपहर में भोलेनाथ की आरती कर भोग अर्पित किया गया। इस दौरान भक्तों की लंबी कतारें लग गई। देर रात तक भक्तों का सैलाब मंदिर में पहुंचता रहा। भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। पुलिस बल के साथ-साथ एलआईयू की टीम भी मंदिरों में तैनात रही। इसके अलावा सीसीटीवी कैमरे से नजर रखी गई। जगह-जगह मंदिरों के बाहर भंडारे में लोगों ने भगवान का प्रसाद ग्रहण किया ।

पौराणिक स्थल ऋषि दुर्वाषा धाम के तमसा – मंजूषा तट को ऋषि दुर्वाषा की तपोस्थली है । यहां के शिव मंदिर का महात्म्य तभी से विख्यात है । ऋषि दुर्वाषा के पंचकोसिय परिक्षेत्र में मुड़ियार का मुंडेश्वर शिव मंदिर का महात्म्य भी कथा समेटे हुए है । मुंडेश्वर नाथ मंदिर की स्थापना स्वयं ऋषि दुर्वाषा जी के द्वारा किया गया था ।

मकसुदिया के प्रगट शिव लिंग झारखंड महादेव की भी दंत कथाएं प्रचलित है । यह मंदिर सैकड़ो वर्ष पुराना है । मकसुदिया मंदिर पर आज दिन क्षेत्र का बहुत बड़ा मेला लगता है । महिलाएं कड़ाही चढ़ाती है ।

दैवज्ञ दुर्वाषा मण्डल मुन्ना बाबा का कहना है कि देव देव महादेव के शिवलिंग पर जलाभिषेक और बेलपत्र चढ़ाने से शिवजी का मस्तिष्क शीतल रहता है और भोलेनाथ भक्तों की दरिद्रता दूर करते हैं। सुखमय वैवाहिक जीवन के लिए , धन धान्य और संकटों के नाश के लिए आज के दिन रुद्राभिषेक का बड़ा महत्व है ।

पौराणिक स्थल महर्षि दुर्वाषा धाम ,और अम्बारी मकसुदिया स्थित स्वयं प्रकट शिव लिंग झारखण्डे महादेव पर दिनभर मेला लगा मेला रहा । मेला में महिलाओं ने जमकर सौंदर्य प्रसाधन के समान की खरीददारी किया ।

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