
वाराणसी। संगीत को जीवंत बनाने के लिए ध्वनि के विज्ञान की समझ जरुरी गायन वादन में संगीत परंपरा के साथ ध्वनि के प्रगति का ज्ञान भी होना आवश्यक। हिंदुस्तानी संगीत में गायन वादन के साथ श्रोताओं को बांधे रखने में उत्कृष्ट साउंड का महत्व है। यदि कलाकार के कला की प्रस्तुति बिना ऑडियो एवं साउंड के हो तो उसके प्रतिभा का सौ प्रतिशत प्रदर्शन संभव नहीं है। कलाकार को संगीत परम्परा की प्रगति के साथ वर्तमान में प्रयोग हो रहे अत्याधुनिक ऑडियो साउंड के साथ सामंजस्य होने के ज्ञान के प्रति व्यापक दृष्टिकोण रखना आवश्यक है। संगीत को कर्णप्रिय एवं जीवंत बनाने में ध्वनि यानि साउंड के विज्ञान की समझ जरुरी है। यह बातें व्याख्यान में मुख्य वक्ता वन गर्ल बैंड एवं ए आर रहमान टेक्नोलॉजी संस्थान के इंजीनियरिंग की छात्रा स्वरांगिनी राजप्रिया ने बसंत कन्या महाविद्यालय कमच्छा के संगीत विभाग द्वारा आयोजित ऑनलाइन व्याख्यान फिजिक्स बिहाइंड साउंड के दौरान कहीं। उन्होंने छात्राओं को अपनी कला को संवारने के साथ साउंड तकनीक पर भी सकारात्मक सोच और ज्ञान बढ़ाने की भी बात कही। बताया कि प्रधानमंत्री जी ने भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति में इस ओर ध्यान देने की भी बात कही है कि इसके बिना कलाकार अपनी क्षमता से आधा ही प्रस्तुतिकरण कर पायेगा। स्वरांगिनी राज प्रिया थ्री वे सराउंड ऑडियो सिस्टम के साथ सात सिंथेसाइजर एक साथ बजाने वाली कलाकार भी हैं। ऑनलाइन व्याख्यान के दौरान देश के विभिन्न कोनों से अनेक शिक्षक विद्यार्थी जुड़कर अपनी बातें रखी एवं संगीत में अत्याधुनिक साउंड तकनीक के हो रहे प्रयोग के बारे में जाना। कार्यक्रम का शुभारम्भ डॉ एनी बेसेंट को नमन कर महाविद्यालय कुलगीत से हुआ। कार्यक्रम का शुभारम्भ प्राचार्य प्रो. रचना श्रीवास्तव, विषय प्रवर्तन प्रो. सीमा वर्मा स्वागत संगीत गायन विभाग की प्रवक्ता पूनम वर्मा,धन्यवाद ज्ञापन सौम्या कांति मुख़र्जी ने दिया।
