
वाराणसी। प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ राम सुधार सिंह की पुस्तक चलो मन तुम काशी और हनुमत चरित का लोकार्पण गुरुवार को हुआ। अतिथि आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ,संकट मोचन के महंत प्रो.विश्वम्भरनाथ मिश्र, पद्मश्री राजेश्वर आचार्य ने दोनों पुस्तकों का लोकार्पण किया।
साहित्यकार डॉ राम सुधार सिंह ने कहा कि काशी में आयोजित तमिल संगमम को देखकर मन में यह विचार आया कि इसी तरह काशी का संबंध भारतवर्ष के अन्य प्रदेशों से अनादि काल से रहा है। क्यों न सभी प्रदेशों से काशी के संबंध को लेकर एक पुस्तक संपादित की जाए। इसमें सभी प्रदेश के लोगों ने सहयोग किया ,जो इस पुस्तक के रूप में आपके सामने प्रस्तुत है। हनुमत चरित्र के लेखक राम मोहन अग्रवाल ने हनुमान जी के चरित्र पर सुंदर प्रकाश डाला है और अपनी रचनाओं का सस्वर पाठ किया। प्रो विश्वम्भर नाथ मिश्र ने कहा कि काशी ज्ञान की खान है। यह शहर चमक दमक से दूर शुद्ध एकेडमिक रहा है। पद्मश्री राजेश्वर आचार्य ने कहा कि काशी मृत्यु का नहीं मोक्ष का शहर है। कुछ भौगोलिक परिवर्तन से काशी के मूल रूप पर कुछ भी असर नहीं हो सकता है। काशी का कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता है। काशी के इस वैशिष्ट्य को चलो मन तुम काशी पुस्तक को पढ़कर जाना जा सकता है। प्रो गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने कहा कि अपनी जो वैदिक ज्ञान की परंपरा है उसकी उपासना की जानी चाहिए।
काशी ज्ञान का पर्याय है।यह भोग की नहीं ,वैराग्य की भूमि है। इस अवसर पर जिला प्रशासन द्वारा डा. रामसुधार सिंह और डॉ राधा कृष्ण गणेशन को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। डॉ रामसुधार सिंह को स्मृति शेष साहित्य भूषण पंडित हरिराम द्विवेदी द्वारा पूर्व में लिखित अभिनंदन पत्र भी अर्पित कर सम्मानित किया गया। जिसका वाचन डॉ अशोक सिंह ने किया। संचालन डॉ प्रकाश उदय, धन्यवाद ज्ञापन रामानंद तिवारी ने किया ।
