वाराणसी। भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर), नई दिल्ली द्वारा डीएवी पीजी कॉलेज को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के आर्थिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक पक्षों के विस्तृत शोध के लिए 40 लाख रुपये की वृहद परियोजना प्रदान की गयी है। आईसीएसएसआर के शोध कार्यक्रम के तहत डीएवी पीजी कॉलेज के ’इतिवृत्ति और लोकप्रिय स्मृति में काशी विश्वनाथः सांस्कृतिक गलियारे की कला, शिल्प और लोक प्रथाओं का एक अनुभवजन्य अध्ययन’ विषय पर वृहद शोध परियोजना प्रदान किया गया है। इस परियोजना की समन्वयक डीएवी पीजी कॉलेज के अंग्रेजी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. महिमा सिंह है। उनके साथ इस वृहद परियोजना में आईइडीएस, शिक्षा शोध विकास न्यास, नई दिल्ली, संयुक्त रूप से सहयोग करेगा। न्यास की ओर से इस शोध कार्य मे डॉ. अनीश गुप्ता, डॉ. वरदा संभुस तथा डीएवी पीजी कॉलेज की ओर से डॉ. इंद्रजीत मिश्रा एवं डॉ. प्रियंका सिंह सह परियोजना समन्वयक के रूप में शामिल होंगी।

महाविद्यालय के कार्यकारी प्राचार्य प्रो. सत्यगोपाल जी ने बताया कि महाविद्यालय के लिए यह हर्ष का विषय है, पूरी टीम इस उपलब्धि के लिए बधाई की पात्र है। उन्होंने बताया कि 24 माह की अवधि वाले इस परियोजना में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में स्थापित कला, साहित्य, संस्कृति, लोक, मिथक आदि के सामाजिक पक्ष का अध्ययन किया जाएगा।

परियोजना समन्वयक डॉ. महिमा सिंह ने बताया कि काशी और काशी विश्वनाथ मंदिर पूरी दुनिया का आध्यात्मिक केन्द्र है, जहाँ स्थापित विश्वनाथ कॉरिडोर किस प्रकार से सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित एवं संवर्धित करने में सहायक सिद्ध होगा, इसका विस्तार से अध्ययन किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लिए इसके पहले जो भी अध्य्यन हुए है वे सभी एकाकी पक्ष को लेकर हुए है, जबकि यह अध्ययन सर्वांगीण होगा।

डीएवी कॉलेज को इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए मिले वृहद परियोजना पर महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ. सत्यदेव सिंह एवं प्रबंधक अजीत कुमार सिंह यादव ने पूरी टीम को बधाई एवं शुभकामना दी।

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