
वाराणसी। जिलाधिकारी एस. राजलिंगम के निर्देशानुसार अपर जिलाधिकारी (नगर) आलोक
कुमार वर्मा की अध्यक्षता में गेहूं खरीद वर्ष 2024-25 के अन्तर्गत कार्याशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला में जिला खाद्य विपणन अधिकारी सुनील भारती, सहायक आयुक्त एवं सहायक निबन्धक,
सहकारिता सोमी सिंह व समस्त एजेंसी के जिला प्रभारी एवं समस्त गेहूं क्रय केन्द्र प्रभारी उपस्थिति रहें।
कार्याशाला में बताया गया कि रबी विपणन वर्ष 2024-25 के अन्तर्गत गेहूँ की खरीद 01 मार्च से
प्रारम्भ हो गयी है, जो आगामी 15 जून तक होगी। गेहूँ का न्यूनतम समर्थन मूल्य रू0 2275 प्रति कु० निर्धारित है, इसके अतिरिक्त रू0-20 उतराई सफाई, छनाई मद में मिलेगा इस प्रकार किसानों को रू0 2295 पी०एफ०एम०एस० के माध्यम से किया जायेगा। गेहूँ खरीद हेतु जनपद में कुल 39 गेहूँ कय केन्द्र स्थापित हुये है जिसमे विपणन शाखा के 14,
पी०सी०एफ० के 18, पी०सी०यू० के 05. भा०खा0 नि0 के 02 क्रय केन्द्र है। जनपद में गेहूँ का क्रय लक्ष्य 24000. 00 मी०टन निर्धारित है जो गतवर्ष से 6000.00 मी0टन अधिक है। इस वर्ष बटाईदार किसानों द्वारा भी पंजीकरण कराते हुए गेहॅू बिक्रय किया जा सकेगा, इसके लिए भूस्वामी व बटाईदार के मध्य लिखित सहमति लेनी होगी। इस वर्ष मोबाइल क्रय केन्द्रों के माध्यम से भी गेहूं की खरीद की जायेगी। ग्रामीण क्षेत्रों में जहाँ गेहूँ का मूल्य समानतः कम रहता है, मोबाइल क्रय के माध्यम से खरीद की जायेगी। मोबाइल कय केन्द्रों के माध्यम से खरीद का प्रचार- प्रसार करना और किसानों के पंजीकरण व बटाईदार किसानों के पंजीकरण कराये जाने हेतु जिलाधिकारी द्वारा समस्त उप जिलाधिकारी एवं जिला विकास अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, उप निदेशक (कृषि) को निर्देश दिये गये कि लेखपाल, किसान सहायक, ग्राम विकास अधिकारी आदि की
लिखित ड्यूटी लगाते हुय कृषक पंजीकरण एवं क्रय नीति का प्रचार प्रसार किसानों के मध्य कराया जाये, यह भी निर्देश दिये गये कि प्रत्येक केन्द्र प्रभारी द्वारा प्रतिदिन 10 किसानों का पंजीकरण करते हुये रिपोर्ट प्रस्तुत करें। इस वर्ष 100 कु0 की सीमा तक गेहॅू विक्रय के लिये सत्यापन से छुट प्रदान करते हुए प्रति हेक्टेयर अनुमानित औसत उत्पादन का 140 प्रतिशत को आधार बनाकर गेहूँ खरीद की जायेगी, इस तथ्य की जानकारी किसानों को प्रदान की जाये। अपर जिलाधिकारी (नगर) द्वारा समस्त गेहूँ कय केन्द्र प्रभारी को निर्देश दिये गये कि गेहूँ खरीद सम्बन्धित समस्त उपकरण, बोरा आदि उपलब्धता सुनिश्चित की जाय और किसी भी दशा में किसानों को कोई समस्या न हो और किसानों का गेहूं गीला अथवा गन्दा होने पर केन्द्र पर ही सुखवाकर डस्टर से मानक अनुरूप बनाकर खरीद की जाय।
