वाराणसी। शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन पूजन के पश्चात् सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी के कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा ने कहा “इन 09 दिनों में, हम माँ दुर्गा के विभिन्न रूपों का पूजन करेंगे, जो हमें जीवन के विभिन्न पहलुओं में शक्ति और साहस प्रदान करते हैं। यह पर्व हमें अपनी संस्कृति और परंपराओं के प्रति जागरूक करता है और हमें उनका सम्मान करने की प्रेरणा देता है।

कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा ने नवदुर्गा पूजन के महत्व पर जोर देते हुए कहा “यह पर्व हमें सामाजिक एकता, समर्थन, और सांस्कृतिक संरक्षण की महत्ता को समझने का अवसर देता है। हमें अपनी संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करने के लिए एकजुट होना चाहिए और उनका पालन करना चाहिए।”

कुलपति प्रो शर्मा ने बताया कि वेद विभाग के यज्ञशाला में अग्निहोत्र के द्वारा विश्व कल्याण एवं संस्कृत उत्थान के लिये संकल्पित भाव से 12 मार्च से संवत्सर व्यापी महायज्ञ अनवरत प्रारम्भ है जो कि एक वर्ष तक चलता रहेगा।इससे शुद्ध वातावरण का निर्माण एवं भारतीय संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन का पोषण भी हो रहा है।

यह पर्व हमें अपनी संस्कृति और परंपराओं के प्रति जागरूक करता है और हमें उनका सम्मान करने की प्रेरणा देता है।

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