वाराणसी। जिला सपा कार्यालय अर्दली बाजार में महर्षि वाल्मीकि की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर विचार गोष्ठी में पार्टी के नेता व कार्यकर्ता काफी संख्या में शामिल हुए। अध्यक्षता करते हुए डॉ उमाशंकर सिंह यादव ने कहा कि जब अयोध्या नरेश पुरुषोत्तम श्रीराम ने माता सीता का परित्याग किया तो मां जानकी ऋषि वाल्मीकि के आश्रम में रहने लगी थीं। जहां उन्होंने दोनों पुत्र लव और कुश को जन्म दिया था। संचालन करते हुए जिला प्रवक्ता संतोष यादव बबलू एडवोकेट ने कहा कि एक बार रत्नाकर डाकू ने जंगल में नारद मुनि को बंदी बना लिया था। तब नारद जी ने पूछा कि इन गलत कार्यों से तुम्हें क्या मिलेगा? रत्नाकर बोला ये मैं अपने परिवार के लिए करता हूं। नारद जी ने उनसे कहा कि जिसके लिए तुम गलत मार्ग पर चल रहे हो उनसे पूछो की क्या वह तुम्हारे पाप कर्म का फल भोगेंगे। नारद जी की बात सुनकर रत्नाकर ने अपने परिवार से पूछा, लेकिन परिवार के सभी सदस्यों ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। इस घटना से रत्नाकर बहुत दुखी हुआ और गलत मार्ग का त्याग करते हुए राम की भक्ति में डूब गया। इसके बाद ही उन्हें रामायण महाकाव्य की रचना करने की प्रेरणा मिली। बाद में महर्षि वाल्मीकि के नाम से जाने गए।
अध्यक्षता डॉ उमाशंकर सिंह यादव,संचालन जिला प्रवक्ता सन्तोष यादव बबलू एडवोकेट ने किया।
इस अवसर पर पूजा यादव, अखिलेश यादव, गोपाल पाण्डेय, सतेन्द्र यादव, नन्दलाल कन्नौजिया, रामकुमार यादव, राजेन्द्र प्रसाद, संजय पहलवान, मनोज यादव, सचिन प्रजापति, धर्मवीर पटेल, राजू यादव, रामकिंकर पटेल, संदीप यादव, विजय टाटा, बंसल सेठ व विनोद शुक्ला आदि थे।