वाराणसी।विधुत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उ0प्र0 के बैनर तले बनारस के हजारों बिजलिकर्मी बसों में भरकर, चार पहिया वाहनों सहित ट्रैन से चलकर लखनऊ में आयोजित ‘‘बिजली पंचायत’’ में शामिल हुये जिसमे यह निर्णय लिया गया कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम का निजीकरण वापस कराने हेतु ‘‘करो या मरो’’ की भावना से निर्णायक संघर्ष किया जायेगा। बिजली पंचायत ने ऐलान किया कि बिडिंग प्रक्रिया शुरू होते ही समस्त ऊर्जा निगमों को तमाम बिजली कर्मचारी और अभियन्ता उसी समय अनिश्चितकालीन आन्दोलन प्रारम्भ कर देगें जो बिजली का निजीकरण वापस होने तक जारी रहेगा।

यह भी निर्णय लिया गया कि प्रदेश के समस्त जनपदों एवं परियोजनाओं पर बिजली पंचायत आयोजित की जायेंगी। बिजली पंचायत में उप्र सरकार से यह मांग की गयी कि बिजली व्यवस्था सुधारने हेतु सन्न 2000 के समझौते का पालन करते हुए यूपीएसईबी लि0 का पुनर्गठन किया जाये।

बिजली पंचायत में ऑल इण्डिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे, ऑल इण्डिया पॉवर डिप्लोमा इंजीनियर्स फेडरेशन के अध्यक्ष आर के त्रिवेदी, इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लाईज फेडरेशन ऑफ इण्डिया के सेक्रेटरी जनरल प्रशान्त चौधरी, ऑल इण्डिया फेडरेशन ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लाईज के सेक्रेटरी जनरल मोहन शर्मा एवं अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सुभाष लांबा, उमाशंकर मिश्रा, सतीश पाण्डेय, बालेन्द्र कटियार, चन्द्रशेखर, कमल अग्रवाल, रेनू शुक्ला, मुकुट सिंह, विजय बन्धु, हेमन्त कुमार सिंह, अनिल वर्मा, राम मूरत, अफीफ सिद्दीकी, कमलेश मिश्रा, एस पी सिंह, संजय यादव, राधारानी श्रीवास्तव, एकादशी यादव, रीना त्रिपाठी विशेष तौर पर सम्मिलित हुए।

इसके अतिरिक्त उप्र के राज्य कर्मचारी महासंघ और राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद सहित राज्य सरकार के सभी श्रमसंघों के पदाधिकारी भी बिजली पंचायत में शामिल हुए। भारतीय मजदूर संघ, एटक, इण्टक, सीटू, एक्टू, यूटीयूसी के पदाधिकारी भी बिजली पंचायत में शामिल रहे।

नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लॉइज एण्ड इंजीनियर्स के संयोजक प्रशान्त चौधरी ने कहा कि यदि उप्र में बिजली के निजीकरण का फैसला वापस न लिया गया और उप्र के बिजली कर्मियों को आन्दोलन के लिए बाध्य होना पड़ा तो पूरे देश के 27 लाख बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर और अभियन्ता मूक दर्शक नहीं रहेगें। उप्र के बिजली कर्मचारियों के साथ देश भर में बिजली कर्मचारी अनिश्चितकालीन आन्दोलन पर चले जायेंगे जो बिजली का निजीकरण वापस होने तक जारी रहेगा। प्रशान्त चौधरी ने चेतावनी दी कि यदि उप्र के किसी भी बिजली कर्मचारी का किसी भी प्रकार से उत्पीड़न करने की कोशिश की गयी तो इसकी तीखी प्रतिक्रिया होगी।

बनारस के हजारों बिजलीकर्मी आर के वाही,ओ पी सिंह, ई अविनास कुमार,ई नरेंद्र वर्मा, राजेन्द्र सिंह,मदन श्रीवास्तव, संतोष कुमार,रामकुमार झा, रमाशंकर पाल, अभिषेक सिंह,आदि के नेतृत्व में , बसों ,ट्रेनों,सहित चार पहिया वाहनों से हजारो की संख्या में चलकर महा बिजली पंचायत में शामिल हुये।

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