असम में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न 

 

वाराणसी/असम।जूरिया महाविद्यालय नागांव ,असम, हिंदी विभाग व रिसर्च फाउंडेशन ऑफ इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में भारतीय भाषा साहित्य व संस्कृति में राष्ट्रीय एकता विषयक अंतरराष्ट्रीय दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन सम्पन्न हुआ। अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के मुख्य अतिथि डा राज कुमार सिंह, (प्रोफेसर- पुस्तकालय विज्ञान, लालता सिंह राजकीय महिला महाविद्यालय, अदलहाट मिर्जापुर) विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर ओहीदूज जमन , (प्राचार्य एडीपी कॉलेज नागांव असम), मुख्य वक्ता डॉ रूपांजलि देवी (नागांव विश्वविद्यालय, असम) व डॉ रियाजूल हक , (प्राचार्य मूजा बारी , मोरीगांव असम) रहे।

संगोष्ठी के संयोजक डॉक्टर सैफुल इस्लाम व कोऑर्डिनेटर डॉ० प्रांजुमानी सइकिया रही।

कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ० हसमत अली ने किया।

मुख्य अतिथि ने भारतीय भाषा साहित्य व संस्कृति में राष्ट्रीय एकता पर व्याख्यान में धरती को माता व भाषा को माता के अमृत जैसे दूध की संज्ञा दी।

उन्होंने कहा कि साहित्य ही हमारे जीवन स्तर का मानक है। और कहा कि जैसा व्यक्ति वैसा विचार, जैसा विचार वैसा समाज, जैसा समाज वैसी सभ्यता ,जैसी सभ्यता वैसी संस्कृति , जैसी संस्कृति वैसा समाज, जैसा समाज वैसा विचार, जैसा विचार वैसा व्यक्ति। अध्यक्षीय संबोधन में प्राचार्य ने कहा कि भारतीय संस्कृति विश्व में सबसे सशक्त संस्कृति है।

दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का सकुशल समापन पारंपरिक असमीया संस्कृति से हुआ।

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