वाराणसी। शिवपुर तरना स्थित एक होटल के सभागार में रविवार को साहित्यिक व सामाजिक संस्था नादान परिंदे साहित्य मंच के संस्थापक / अध्यक्ष डॉ सुबाष चन्द्र की दूसरी कृति “सिंधु की लहरे” का विमोचन डॉ संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा व प्रो सुशांत कुमार श्रीवास्तव ( आई आई टी , बी एच यू ) ने किया।

इस मौके पर पुस्तक के लेखक डॉ सुबाष चन्द्र ने बताया कि सिंधु की लहरें पुस्तक में आज हमारे आसपास के परिवेश में चल रही समसामयिक घटनाओं को केंद्र में रखकर विषय चुना गया है।सिंधु की लहरों में इस कालखंड के मनुष्य की सोच,उसके कर्म की विभिन्नताएं एवं सामाजिक मत के अनेकों बिंदुओं को बखूबी तरीके से प्रस्तुत किया गया है।सामाजिक कुरीतियों,भेदभाव,छुआछूत द्वारा उत्पन्न विभत्स भावों पर प्रहार करती यह पुस्तक आपका हृदय का स्पर्श अवश्य करेंगी । यह डॉ सुबाष चंद्र की दूसरी कृति है, प्रथम कृति महामना मालवीय एवं हिन्दू धर्म है ।

इस अवसर पर भारत विकास परिषद वरुणा शाखा अध्यक्ष प्रकाश श्रीवास्तव (गणेश जी) , शिप्रा धर श्रीवास्तव, डा राम सुधार सिंह,रमेश लालवानी , मनोज श्रीवास्तव,निधि सिंह,

जे पी सिंह,नीतू सिंह, अनुपमा सिंह, लवली श्रीवास्तव, मंजू गुप्ता, दिनेश जायसवाल, कुमकुम सिंह, राजीव श्रीवास्तव, रचना भनोट, संजय गुप्ता, शालिनी श्रीवास्तव, उमेश दुबे,शरद श्रीवास्तव , निर्मला सिंह, सुष्मिता श्रीवास्तव सहित अनेको साहित्यकार , समाजसेवी उपस्थित रहे ।

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