बामनिया के भजनों ने भरा नया उत्साह

 

नजर न्यूज नेटवर्क / मुख्य संवाददाता

वाराणसी। संस्कृति मंत्रालय, भातखंडे विश्वविद्यालय एवं स्पिक मैके के संयुक्त तत्वावधान में पद्मश्री कालूराम बामनिया का कबीर गायन कार्यक्रम शहर के दो महाविद्यालयों में आयोजित हुआ। अग्रसेन कन्या पीजी कॉलेज में अध्यक्ष दीपक अग्रवाल एवं प्रबंधक मधु अग्रवाल ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। प्राचार्य प्रो. मिथिलेश सिंह ने कहा कि यह आयोजन कबीर की साखी, सबद और रमैनियों को समर्पित है, क्योंकि काशी और कबीर का गहरा संबंध रहा है। स्पिक मैके की प्रदेश कोषाध्यक्ष डॉ. शुभा सक्सेना ने कलाकारों का परिचय कराया। बामनिया ने ‘गुरु गुन का सागर’ से प्रारंभ कर ‘बरस्या बादल प्रेम का’ और ‘जरा धीरे गाड़ी हाको मेरे राम गाड़ी वाले’ जैसे भजनों की मधुर प्रस्तुति दी, जिसे सुनकर छात्राएं भी भक्ति में लीन होकर गुनगुनाने लगीं। कार्यक्रम का संचालन जिज्ञासा मिश्रा,धन्यवाद ज्ञापन डॉ. रूबी शाह ने किया। वहीं दूसरा कार्यक्रम बसंत कन्या महाविद्यालय कमच्छा में हुआ। जहां बामनिया ने कहा कि अहंकार त्यागकर गुरु को सर्वोपरि मानने से ही जीवन में सफलता मिलती है। उन्होंने कबीर गायन को अपनी आध्यात्मिक शक्ति का स्रोत बताया। ‘अब तो जाग मुसाफिर जाग’, ‘कैसे एक होई रे’ जैसे पदों ने पूरा सभागार भक्तिमय कर दिया। कार्यक्रम में मनोज घुड़ावद, देवीदास वैरागी, रामप्रसाद परमार और उत्तम सिंह बामनिया ने संगत दी। प्राचार्य प्रो. रचना श्रीवास्तव ने कहा कि कबीर की वाणी युवाओं को सामाजिक सद्भाव का संदेश देती है। संयोजन पवन कुमार सिंह, धन्यवाद प्रो. सीमा वर्मा तथा संचालन डॉ. पूनम वर्मा ने किया।

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