गीता जयंती हिंदुओं के पवित्र ग्रंथ भगवद गीता का जन्मदिन है:- प्रो शैलेश कुमार मिश्र 

 

 

दीनदयाल उपाध्याय कौशल केंद्र, सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी में गीताजयंती महोत्सव के अवसर पर भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गई। इस प्रतियोगिता में छात्रों ने श्रीमद्भगवद् गीता के मर्म पर भाषण दिया। जिसमें

 

प्रतियोगिता के परिणाम:

 

– प्रथम पुरस्कार: रमाशंकर

– द्वितीय पुरस्कार: दुर्गेश पाठक

– तृतीय पुरस्कार: प्रियांशु पांडेय

– सांत्वना पुरस्कार: रश्मि श्रीवास्तव।

अध्यक्षीय उद्बोधन

अध्यक्षता कौशल विकास की निदेशक प्रो विधु द्विवेदी ने कहा कि गीता की प्रासंगिकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि मनुष्य के जीवन में समस्याओं से अधिक महत्व उनके समाधान की विधियों का है। जीवन में ‘क्या करें और क्या न करें’ की विकट स्थिति (कर्तव्य-अकर्तव्य) जब उत्पन्न होती है, तब गीता ही हमारा मार्गदर्शन करती है। उन्होंने ‘कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन’ के श्लोक को उद्धृत करते हुए कहा कि निष्काम कर्म ही मोक्ष और परमगति का मार्ग है।

 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि:

छात्रकल्याण संकायाध्यक्ष- प्रो. शैलेश मिश्र जी (मुख्य अतिथि ने कहा कि गीता जयंती हिंदुओं के पवित्र ग्रंथ भगवद गीता का जन्मदिन है। यह हिंदू कैलेंडर के मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि “भगवद गीता” अर्जुन को स्वयं कृष्ण द्वारा कुरुक्षेत्र (वर्तमान हरियाणा, भारत में) के युद्ध के मैदान में प्रकट किया गया था। पाठ तीसरे व्यक्ति में लिखा गया है, जिसे संजय ने राजा धृतराष्ट्र को सुनाया था क्योंकि यह श्रीकृष्ण और अर्जुन के बीच हुआ था। अंधे राजा धृतराष्ट्र के सचिव संजय को उनके गुरु व्यासदेव ने युद्ध के मैदान में होने वाली घटनाओं को दूर से देखने की शक्ति दी थी।

 

प्रो- हीरककांत चक्रवर्ती जी (विशिष्ट अतिथि) ने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता अपनी स्थापना के समय से ही हिंदुओं के लिए दार्शनिक मार्गदर्शक और आध्यात्मिक शिक्षक रही है। गीता में, भगवान कृष्ण ने अर्जुन को कई सबक सिखाए हैं।

पुस्तकालय अध्यक्ष प्रो. राजनाथ जी (सारस्वत अतिथि)ने गीता जयंती को हिंदू धर्म संस्कृति का महापर्व बताया।

 

कार्यक्रम का संचालन:

 

– रोहित मिश्र (संचालनकर्ता)

– अनुराग पांडेय (आयोजन कर्ता)

– अरुण पांडेय (व्यवस्थापक)

धन्यवाद ज्ञापन:- कंचन पाठक जी।

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