
अन्तर विश्वविद्यालय अध्यापक शिक्षा केंद्र ने तमिल शिक्षक प्रतिनिधि मंडल का किया सम्मान
वाराणसी। शुक्रवार को काशी–तमिल संगमम 4.0 के अंतर्गत तमिलनाडु से आए शिक्षक प्रतिनिधियों ने अन्तर विश्वविद्यालय अध्यापक शिक्षा केन्द्र (आईयूसीटीई), बीएचयू, वाराणसी का भ्रमण किया। आगमन पर सभी शिक्षकों का स्वागत रुद्राक्षमाला और अंगवस्त्रम से किया गया।
इस अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मंगलाचरण से हुआ। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो० प्रेम नारायण सिंह, निदेशक, आईयूसीटीई, बीएचयू, वाराणसी ने की। साथ ही मंच पर डॉ. के. प्रेमा, सहायक प्राध्यापक, भारतीया विश्वविद्यालय, कोयंबटूर, श्रीमती एम. राजलक्ष्मी, विद्यालय शिक्षिका, तमिलनाडु, श्रीमती जी. थरकेश्वरी, विद्यालय शिक्षिका, तमिलनाडु, तथा प्रो. अजय कुमार सिंह,आईयूसीटीई, बीएचयू उपस्थित रहे।
इसके उपरांत प्रतिनिधियों के समक्ष संस्थान के पिछले 11 वर्षों के विकास की झलकियों का वीडियो प्रस्तुत किया गया। इस वीडियो में डिजिटल पैडागॉजी, शिक्षक प्रशिक्षण, संकायों की क्षमता निर्माण, तथा एनईपी 2020 आधारित शैक्षणिक कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी गई। यह प्रस्तुति आईयूसीटीई की शैक्षणिक दृष्टि, उपलब्धियों और नवाचारों को प्रभावी रूप से उजागर करती है। इसी क्रम में डॉ. कुशाग्री सिंह, आईयूसीटीई, बीएचयू ने विगत तीन वर्षों की आईयूसीटीई की शैक्षणिक उपलब्धियों का विवरण प्रस्तुत किया।
तमिल प्रतिनिधिमंडल की ओर से डॉ. के. प्रेमा ने काशी–तमिल शैक्षणिक एवं दार्शनिक परंपराओं पर अपने विचार साझा किए।
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के विद्यार्थी यहाँ आकर शिक्षा प्राप्त करते हैं और काशी का आध्यात्मिक ज्ञान वहाँ तक पहुँचता है। यही इस तमिल संगम का मूल उद्देश्य है। प्रो. अजय कुमार सिंह, आईयूसीटीई, बीएचयू ने काशी–तमिल शैक्षणिक एवं दार्शनिक परंपराओं पर विचार साझा किए। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो. प्रेम नारायण सिंह, निदेशक, आईयूसीटीई, बीएचयू, ने सभी प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए तमिलनाडु के संस्थानों और लोगों के साथ बेहतर सांस्कृतिक, दार्शनिक एवं शैक्षणिक संबंधों की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही दक्षिण भारत में अध्यापन के क्रम में उन्होंने अपने अनुभव साझा किए।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. कुशाग्री सिंह, आईयूसीटीई, बीएचयू ने किया। डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह, आईयूसीटीई, बीएचयू ने पैनल चर्चा का संचालन किया, जिसमें प्रतिनिधियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और अपने विचार साझा किए। साथ ही उन्होंने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। सत्र का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। संस्थागत भ्रमण का नेतृत्व डॉ. सुनील कुमार त्रिपाठी, आईयूसीटीई, बीएचयू ने किया।
इस अवसर पर डॉ. राज सिंह, डॉ. राजा पाठक, डॉ. दीप्ति गुप्ता तथा केंद्र के अन्य सदस्य भी उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में ८० से अधिक तमिल शिक्षक प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
