वाराणसी। मारवाड़ी सेवा संघ असि घाट में आयोजित सप्तदिवसीय श्री राम कथा के तृतीय दिन शनिवार भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया।

मानसपीठ खजुरीताल मैहर से पधारे हुए जगदुरु स्वामी रामलला चार्य ने अपने व्याख्यान में श्रीराम जन्मोत्सव का वर्णन करते हुए कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का जन्म राक्षसों का वध करने के लिए तो हुआ ही उसे महत्वपूर्ण यह था कि वह ऋषि मुनियों और अपने भक्तों को दर्शन देकर तारने के लिए भी अवतरित हुए। भगवान राम जहां रावण का वध कर उसे भी सद्गति प्रदान करते हैं ठीक उसी तरह अनेक ऋषि मुनियों को दर्शन देकर उनको भी अपने चरणों में जगह दी।

कथा के बीच में जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। भगवान राम के रूप में एक नन्हे बालक को राम का स्वरूप धारण करके पालने में झुलाया गया। पूरा परिसर राममय हो गया था। स्वामी रामलालाचार्य जी महाराज ने कहा कि भगवान राम के चरित्र से आज की युवा पीढ़ी को सीख लेनी चाहिए ।उनके चरित्र से सीख लेना चाहिए जिससे युवा पीढ़ी का कल्याण होगा और वह गलत रास्ते से बचे रहेंगे ।

कथा के अंत में मानस पोथी की आरती कर भक्तों में प्रसाद का वितरण किया गया ।

इस अवसर पर रामस्वरूप पाठक, पुरुषोत्तम शर्मा, मारवाड़ी सेवा संघ के नंदकिशोर बाबूजी, समाजसेवी रामयश मिश्र, राजकुमारी शुक्ला, पुष्पा शुक्ला सहित काफी संख्या में भक्त उपस्थित थे।

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