वाराणसी। हुनर सीख कर महिलाएं अपने सपनों को दे रही है नई उड़ान।
महिलाओं के हुनर को लोकल से ग्लोबल बनाने एवं बनारस के ट्रेडिशनल आर्ट एवं क्राफ्ट को बढ़ावा देने तथा महिलाओं के आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने के उद्देश्य से वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग (भारत सरकार) महिलाओं के लिए प्रौद्योगिकी विकास और उपयोगिता कार्यक्रम के तहत आज हर वर्ग एवं हर क्षेत्रों की महिलाओं और छात्राओं को साईं इंस्टिट्यूट द्वारा संचालित ‘हुनर ए बनारस’ स्कूल बसनी मे ग्रामीण महिलाएं नित अपने हाथो के हुनर से प्रतिमाह 7 से 8 हजार रुपए कमा रही है। महिलाओ के द्वारा बनाए गए अंगवस्त्र को न सिर्फ जी- 20 में अतिथियों को दिया गया, बल्कि उसकी डिमांड कई जगहों से आ रही है। जिससे महिलाओ के आय बढ़ोत्तरी हो रही है। साई इंस्टीट्यूट की डिजिटल डिजाइनर अनुपमा दुबे के नेतृत्व में दर्जनों महिलाएं इस कार्य में लगी है। जिसमे इंदु देवी, रोहिणी विश्वकर्मा, सीमा पांडेय, रिमझिम विश्वकर्मा, सरिता आदि महिलाए जुड़ी हुई है।
संस्थान के निदेशक अजय सिंह ने बताया कि इन महिलाओं के बने सामानों को डिमांड दिल्ली से कई मंत्रालयों और कोलकाता से भी आया है। अभी इन महिलाओ के बने हैंडीक्राफ्ट के प्रोडक्ट को अमेरिका भी भेजा गया है। महिलाओ की आय में बढ़ोत्तरी हो रही है, और महिलाए इस कार्य से जुड़ रही है।