
वाराणसी। मारवाड़ी सेवा संघ वाराणसी में श्री मानसपीठ मानव सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट एवं श्री मानसपीठ तीर्थ उत्सव सेवा समिति के द्वारा आयोजित सप्त दिवसीय श्री राम कथा महोत्सव में मध्यप्रदेश मैहर से पधारे हुए जगद्गुरु स्वामी श्री रामलला चार्य ने शनिवार को कथा का वर्णन करते हुए कहा कि श्री रामचरितमानस सिर्फ एक ग्रंथ नहीं है बल्कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का जीवन चरित्र है और जो इसका मनन करता है उसके जीवन में रामराज अवश्य आता है।
उन्होंने आज की युवा पीढ़ी से अपील करते हुए कहा कि वह श्री रामचरितमानस का कम से कम एक बार पाठ अवश्य करें और भगवान राम के जीवन चरित्र से सीख ले आज जितना भी पतन हो रहा है उसका एकमात्र कारण है कि हम मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के जीवन चरित्र से सीख नहीं ले रहे हैं अगर युवा पीढ़ी भगवान राम के जीवन चरित्र से सीख ले ले तो उनका जीवन ठीक हो जाए और जिस घर में श्री रामचरितमानस का मनन होना शुरू हो जाएगा उसे घर और समाज में राम राज्य अवश्य आएगा।
आज की कथा में पद्मभूषण एवं श्रीकाशी विद्वत परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर वशिष्ठ त्रिपाठी, प्रोफेसर किशोर त्रिपाठी, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के व्याकरण विभाग के प्रोफेसर रमाकांत पांडे, स्वामी बृजेशनंद महाराज जी सहित काशी के संत महंत उपस्थित थे।
कथा के अंत में आरती कर प्रसाद भक्तों वितरण किया गया इस अवसर पर रामस्वरूप पाठक, पुरुषोत्तम शर्मा, नंदकिशोर बाबू जी, समाजसेवी रामयश मिश्र, राजकुमारी शुक्ला पुष्पा शुक्ल आदि उपस्थित थे।
