वाराणसी। श्री अग्रसेन कन्या इंटर कॉलेज टाउनहाल में बुधवार को तमिल भाषा व संस्कृति को रोचक तरीके से परिचित कराने के लिए विशेष गतिविधि आयोजित की गई। तमिल शिक्षिका एलीलरशी ने विद्यार्थियों को चावल के आटे से कोलम (रंगोली) बनाने की पारंपरिक कला से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि तमिल में रंगोली को ‘कोलम’ कहा जाता है, जो बिंदुओं और घुमावदार रेखाओं से बनने वाला एक ज्यामितीय आरेख जैसा दिखता है। यह तमिलनाडु की महिलाओं की सुबह की दैनिक रस्म के साथ-साथ राज्य की सांस्कृतिक पहचान का महत्वपूर्ण प्रतीक है।

उन्होंने लगभग 30-30 विद्यार्थियों के समूह को कोलम बनाने का प्रशिक्षण दिया। प्रबंधक गरिमा टकसाली ने कहा कि भारत की भाषाई एवं सांस्कृतिक विविधता काशी में आयोजित तमिल संगमम के दौरान और अधिक सशक्त रूप से सामने आ रही है। सहायक प्रबंधक पवन मित्तल ने बताया कि सेंट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ क्लासिकल तमिल की ओर से विद्यार्थियों को तमिल शब्दकोष, अभ्यास पुस्तिका, सरल व्याकरण तथा संवाद पुस्तिकाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिससे तमिल सीखना अधिक सरल हो गया है। कार्यक्रम में प्रधानाचार्य डॉ. संगीता बैनर्जी, सोमलता, अलका गौतम, गरिमा, कमलेश सिंह एवं प्रदीप कुमार पंकज उपस्थित रहे।

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