वाराणसी। अंतर्राष्ट्रीय धान अनुसंधान संस्थान के वाराणसी स्थित दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र ने, 10 से 12 दिसंबर 2025 तक “स्पीड ब्रीडिंग: एग्री-बिजनेस की आज की ज़रूरतों को पूरा करना” शीर्षक से तीन दिवसीय क्षमता-विकास कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

यह व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम स्पीड ब्रीडिंग पर आधारित है और एग्री-बिजनेस तथा बीज उद्योग की वैश्विक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए एक अग्रणी पाठ्यक्रम प्रदान करता है। यह अपनी तरह का पहला प्रयास है, जिसमें इरी की स्पीडब्रीड सुविधा और चावल के लिए विकसित नवाचारपूर्ण स्पीडफ्लावर प्रोटोकॉल को शामिल किया गया है, जिसने फसल चक्र की तीव्रता और बीज उत्पादन में क्रांति ला दी है।

इस प्रशिक्षण में भारत, थाईलैंड और इंडोनेशिया के सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों से जुड़े 14 प्रतिभागी शामिल हैं, जो स्पीड ब्रीडिंग, पौध प्रजनन और बीज उद्योग में कार्यरत हैं।

यह प्रशिक्षण कार्यक्रम सिद्धांत और व्यवहार को जोड़ते हुए प्रतिभागियों को व्यावहारिक अनुभव प्रदान करता है। इसमें आइसार्क के खेत और प्रयोगशाला भ्रमण के साथ स्पीडब्रीड सुविधा विकास, बीज प्रबंधन और फसल-विशिष्ट प्रोटोकॉल पर विशेषज्ञ सत्र सम्मिलित हैं। प्रतिभागियों को समूह कार्य, मूल्यांकन और परस्पर संवादात्मक सत्रों के माध्यम से फसल-विशिष्ट चुनौतियों पर काम करने का अवसर मिलेगा। यह प्रशिक्षण सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के पेशेवरों के लिए तैयार किया गया है और स्पीड ब्रीडिंग कंसोर्टियम पर चर्चा तथा प्रमुख शोधकर्ताओं के साथ जुड़ाव के माध्यम से भविष्य के सहयोग को बढ़ावा देता है। इरी के अत्याधुनिक नवाचारों और वैश्विक पाठ्यक्रम को एकीकृत करके यह प्रशिक्षण प्रतिभागियों को किस्मों के विकास को तेज़ करने, बीज उत्पादन को अनुकूलित करने और जलवायु तथा बाज़ार चुनौतियों के बीच टिकाऊ कृषि-व्यवसाय में वृद्धि को बढ़ावा देने में सक्षम बनाता है। इरी के प्रजनन विशेषज्ञों द्वारा संचालित यह कार्यक्रम शोधकर्ताओं, प्रजनकों और बीज क्षेत्र के पेशेवरों की तकनीकी क्षमता को मजबूत करता है ताकि वे स्पीड ब्रीडिंग तकनीकों को लागू कर सकें—प्रजनन चक्र को छोटा करें, दक्षता बढ़ाएं और बेहतर किस्मों को तेज़ी से उपलब्ध कराएं। पाठ्यक्रम के अंत तक प्रतिभागी अल्पकालिक व दीर्घ कालिक फसलों के लिए स्पीड ब्रीडिंग प्रोटोकॉल विकसित करने का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करेंगे, स्पीड ब्रीडिंग परिस्थितियों में बीज उत्पादन और गुणन को अधिकतम करने की समझ हासिल करेंगे, प्रजनन दक्षता बढ़ाने के लिए उन्नत क्रॉसिंग प्रोटोकॉल सीखेंगे तथा संसाधनों के अधिकतम उपयोग और पाइपलाइन प्रगति को तेज़ करने के लिए स्पीड ब्रीडिंग को अन्य आधुनिक प्रजनन विधियों के साथ एकीकृत करने की व्यावहारिक तकनीकों को समझेंगे।

इरी की वैश्विक अनुभव और क्षमता-विकास पहलों का प्रतिनिधित्व करते हुए, इरी एजुकेशन की प्रमुख डॉ. एनीलिन मनींगस ने अपने स्वागत भाषण में स्पीड ब्रीडिंग जैसे नवाचारों को बढ़ाने के लिए मानव संसाधन निर्माण की आवश्यकता पर जोर दिया।

प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए, भारत सरकार के जैव-प्रौद्योगिकी विभाग के कृषि जैव-प्रौद्योगिकी निदेशक डॉ. संजय कालिया ने स्पीड ब्रीडिंग को बेहतर फसल किस्मों के विकास को तेज़ करने के लिए एक परिवर्तनकारी अस्त्र बताया। जलवायु परिवर्तन के बीच, यह विविध फसलों में तेज़ी से लागू करने का एक शक्तिशाली तरीका है, जो शोधकर्ताओं और बीज कंपनियों के लिए अपार संभावनाएं प्रदान करता है।

इरी के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय प्रजनन प्रमुख डॉ. विकास कुमार सिंह ने स्पीड ब्रीडिंग को जीनोम एडिटिंग और प्रेडिक्शन ब्रीडिंग जैसी उन्नत विधियों के साथ एकीकृत करने पर जोर दिया। यह दृष्टिकोण प्रजनन चक्र को छोटा करता है, सटीकता में सुधार लाता है और दक्षता बढ़ाता है। यह पहल इरी की राष्ट्रीय कार्यक्रमों और बीज क्षेत्र में भागीदारों की अनुसंधान और प्रजनन क्षमता को मजबूत करने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है तथा दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया के किसानों तक जलवायु-सुदृढ़ और उच्च-प्रदर्शन वाली फसल किस्मों के प्रतिपादन में तेजी लाती है।

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