वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आपदा जोखिम न्यूनीकरण के संबंध में उद्घोषित 10 सूत्रीय एजेंडे के अंतर्गत तृतीय एजेंडा “आपदा जोखिम प्रबंधन में महिलाओ का नेतृत्व तथा व्यापक सहभागिता का केन्द्रीयकरण” पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन मे “महिला स्वयं सहायता समूहों (सेल्फ हेल्प ग्रुप्स वोमेन) की आपदा जोखिम न्यूनीकरण मे भूमिका विषय पर उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की सहभागिता में मंगलवार को सनबीम वरुणा सभागार में आयोजित एक दिवसीय मण्डल स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन हुआ।

कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल आर पी साही अति विशिष्ट सेवा मेडल एवं विशिष्ट अतिथि जिला पंचायत अध्यक्षा पूनम मौर्या ने किया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल आर पी साही ने बताया कि महिलाये परिवार की प्रथम शिक्षक होती है और उन्हे आपदा प्रबंधन के न्यूनीकरण के संबंध में इनसे बेहतर कोई दूसरा ब्रांड एम्बेसडर नहीं हो सकता। क्योंकि महिलाये न केवल अपने बच्चे, परिवार अपितु समाज में जागरूकता फ़ैला सकती हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के 10 सूत्री एजेंडे के तीसरे बिन्दु “आपदा जोखिम प्रबंधन मे महिलाओं का नेतृत्व तथा व्यापक सहभागिता में भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है।” आपदा प्रबंधन के विभिन्न चरणों एवं गतिविधियों के कुशल संचालन में महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता के रूप में प्रशिक्षित करते हुए सम्पूर्ण समुदाय को जागरूक और प्रशिक्षित कर विभिन्न आपदाओ से होने वाली जन धन एवं पर्यावरण की हानियों को न्यूनतम किया जा सकता है।

विशिष्ट अतिथि जिला पंचायत अध्यक्षा पूनम मौर्या ने कहा कि महिलाये ऊर्जा से भरपूर, दूरदर्शी, उत्साह और प्रतिबद्धता के साथ सभी चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हैं और उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के क्रम में प्रदेश मे आपदा प्रबंधन योजनाओ को ग्राम स्तर पर क्रियान्वित किए जाने के लिए महिलाओं की भागीदारी तथा नेतृत्व को प्रोत्साहित करते हुए उन्हें प्रशिक्षित और जागरूक किया जाना आवश्यक है।

जिला प्रशासन की तरफ से अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) वंदिता श्रीवास्तव ने सभी आतिथियों और प्रतिभागी महिलाओ का स्वागत करते हुए आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में महिलाओं की

भूमिका को विस्तार से समझाया तथा आपदा न्यूनीकरण के क्षेत्र में चलाई जाने वाली परियोजनाओं के बारे मे जानकारी दी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय प्रतिनिधि ने स्वास्थ्य विभाग की तरफ से आपदा न्यूनीकरण के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों को बताया। उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की परियोजना निदेशक डॉ कनीज फातिमा द्वारा महिला सशक्तिकरण एवं आर्थिक संभलता पर विस्तृत चर्चा की गई। बताया कि प्रदेश में इस कार्यक्रम की शुरुआत ललितपुर से हुई है और आगे बाराबंकी, सिद्धार्थ नगर एवं शामली सहित कई जनपदों मे मंडल स्तरीय कार्यक्रम माह सितम्बर में आयोजित किए जाएंगे। प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर ट्रैनिंग प्रवीन किशोर द्वारा सभी प्रतिभागियों को उपलब्ध कराई गई। प्रशिक्षण पुस्तिका एवं जन-जागरूकता हेतु तैयार सर्पदंश, आकाशीय बिजली, भूकंप एवं लू प्रकोप विषयक शॉर्ट फिल्म के माध्यम से “क्या करें व क्या न करें” पर विस्तृत चर्चा की गई। प्रशिक्षण में राष्ट्रीय स्तर के वक्ता डॉ मजहर राशिदी द्वारा “महिला स्वयं सहायता समूहों की आपदा जोखिम न्यूनीकरण में भागीदारी” तथा यूनिसेफ से अंकिता पढ़ालनी द्वारा विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से महिलाओं की आपदा के दौरान प्रथम उत्तरदाता के भूमिका पर बल दिया गया। प्रशिक्षण के प्रश्नोत्तरी सत्र में सही उत्तर देने वाली 20 महिलाओं को पुरुस्कार प्रदान किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर ट्रैनिंग प्रवीन किशोर एवं आपदा विशेषज्ञ जनपद गाजीपुर अशोक कुमार राय द्वारा किया गया तथा अंत में सभी जिला आपदा विशेषज्ञों ने सबका आभार ज्ञापन किया।

इस अवसर पर जनपद के अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) वंदिता श्रीवास्तव, उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के परियोजना निदेशक डॉ कनीज फातिमा, अतिथि वक्ता डॉ मज़हर रशीदी, प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर ट्रैनिंग प्रवीन किशोर, प्रोजेक्ट एक्सपर्ट प्रियंका द्विवेदी, यूनिसेफ से स्टेट कन्सल्टन्ट अंकिता पढ़ालनी, मण्डल के सभी जनपदों के आपदा विशेषज्ञ श्रीमती प्रीतिशिखा, अशोक राय एवं प्रदीप समेत वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर और चंदौली जनपद से आई हुई स्वयं सहायता समूहों की लगभग

300 महिलायें उपस्थित थी।

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